Supreme Court Covid Vaccination Policy
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केंद्र की टीकाकरण नीति में बदलाव के कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणियां
- Monday June 7, 2021
- Reported by: ए. वैद्यनाथन, अरविंद गुणशेखर
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने टीकाकरण नीति पर (vaccination policy) कहा था कि यह कहने का सामर्थ्य दिखाना कि आप गलत थे, ये कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि यह मजबूती का प्रतीक है.
- ndtv.in
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीनेशन नीति पर उठाए सवाल, 18-44 आयु वर्ग की टीकाकरण नीति को अतार्किक ठहराया
- Wednesday June 2, 2021
- Reported by: अखिलेश शर्मा
कई राज्य पहले ही मांग कर चुके हैं कि केंद्र सरकार को 45 साल से अधिक उम्र के लोगों की तरह युवाओं के टीकाकरण की जिम्मेदारी भी अपने ऊपर लेना चाहिए. अभी केंद्र सरकार ने यह जिम्मेदारी राज्यों पर डाली है. राज्यों को कोरोना की वैक्सीन की खरीद के लिए कंपनियों से संपर्क साधने को कहा गया है. दिल्ली समेत कई राज्यों ने कोविड वैक्सीन पाने के लिए ग्लोबल टेंडर भी निकाले हैं, लेकिन मॉडर्ना-फाइजर जैसी विदेशी कंपनियों ने कहा है कि वे केवल संघीय (केंद्रीय) सरकारों के साथ डील करती हैं. जबकि देश में बन रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में राज्यों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
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केंद्र की टीकाकरण नीति में बदलाव के कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने की सख्त टिप्पणियां
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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने टीकाकरण नीति पर (vaccination policy) कहा था कि यह कहने का सामर्थ्य दिखाना कि आप गलत थे, ये कमजोरी का संकेत नहीं है, बल्कि यह मजबूती का प्रतीक है.
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीनेशन नीति पर उठाए सवाल, 18-44 आयु वर्ग की टीकाकरण नीति को अतार्किक ठहराया
- Wednesday June 2, 2021
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कई राज्य पहले ही मांग कर चुके हैं कि केंद्र सरकार को 45 साल से अधिक उम्र के लोगों की तरह युवाओं के टीकाकरण की जिम्मेदारी भी अपने ऊपर लेना चाहिए. अभी केंद्र सरकार ने यह जिम्मेदारी राज्यों पर डाली है. राज्यों को कोरोना की वैक्सीन की खरीद के लिए कंपनियों से संपर्क साधने को कहा गया है. दिल्ली समेत कई राज्यों ने कोविड वैक्सीन पाने के लिए ग्लोबल टेंडर भी निकाले हैं, लेकिन मॉडर्ना-फाइजर जैसी विदेशी कंपनियों ने कहा है कि वे केवल संघीय (केंद्रीय) सरकारों के साथ डील करती हैं. जबकि देश में बन रही सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में राज्यों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
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