Pakistan On Rafale
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राफेल से पाकिस्तान परेशान, भारत को याद दिलाया वादा
- Friday July 31, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
भारत के पास राफेल फाइटर प्लेन आ जाने के बाद से पड़ोसी मुल्कों खासकर पाकिस्तान काफी परेशान है. वहीं लद्दाख में तरह-तरह की चालबाजियां कर रहे चीन ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन पाकिस्तान इससे खासाा परेशान दिख रहा है और वह भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों में किए गए वादों को याद दिला रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि राफेल के पास जो तकनीकी ताकत है उसका मुकाबला करने के लिए न तो चीन और न ही पाकिस्तान के पास ऐसा कोई विमान है. राफेल विमान अपनी ही सीमा पर रहकर कई सैकड़ो किलोमीटर दूर तक निशाना साध सकता है. उसमें लगने वाली हमर मिसाइल पहाड़ों में बंकर बनाकर छिपे दुश्मन को तबाह कर सकती हैं. लद्दाख, सियाचीन जहां चीन और पाकिस्तान की हमेशा नजरें रहती हैं, इन इलाकों के लिए राफेल विमान एक अचूक हथियार साबित होता दिख रहा है. काफी कम समय और भारत की जरूरतों के देखते हुए फ्रांस ने इन विमानों को भारत के लिए मुहैया करा दिया है. ये पूरा सौदा 36 विमानों के लिए हुआ जिसकी कुल कीमत 60 हजार करोड़ के आसपास है. हालांकि यह रक्षा सौदा भी विवादों से अछूता नहीं रह पाया है.
- ndtv.in
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राफेल से पाकिस्तान परेशान, भारत को याद दिलाया वादा
- Friday July 31, 2020
- Written by: मानस मिश्रा
भारत के पास राफेल फाइटर प्लेन आ जाने के बाद से पड़ोसी मुल्कों खासकर पाकिस्तान काफी परेशान है. वहीं लद्दाख में तरह-तरह की चालबाजियां कर रहे चीन ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन पाकिस्तान इससे खासाा परेशान दिख रहा है और वह भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों में किए गए वादों को याद दिला रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि राफेल के पास जो तकनीकी ताकत है उसका मुकाबला करने के लिए न तो चीन और न ही पाकिस्तान के पास ऐसा कोई विमान है. राफेल विमान अपनी ही सीमा पर रहकर कई सैकड़ो किलोमीटर दूर तक निशाना साध सकता है. उसमें लगने वाली हमर मिसाइल पहाड़ों में बंकर बनाकर छिपे दुश्मन को तबाह कर सकती हैं. लद्दाख, सियाचीन जहां चीन और पाकिस्तान की हमेशा नजरें रहती हैं, इन इलाकों के लिए राफेल विमान एक अचूक हथियार साबित होता दिख रहा है. काफी कम समय और भारत की जरूरतों के देखते हुए फ्रांस ने इन विमानों को भारत के लिए मुहैया करा दिया है. ये पूरा सौदा 36 विमानों के लिए हुआ जिसकी कुल कीमत 60 हजार करोड़ के आसपास है. हालांकि यह रक्षा सौदा भी विवादों से अछूता नहीं रह पाया है.
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