Noida Farmers Movement
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किसान नेताओं ने ‘सम्मानपूर्ण समाधान’ की जरूरत बताई, कहा दबाव में नहीं मानेंगे
- Monday February 1, 2021
राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे. किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुकें.’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो.’’ गणतंत्र दिवस पर अनेक प्रदर्शनकारी लाल किले के अंदर पहुंच गये थे. टिकैत बंधुओं ने भी गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि यह अस्वीकार्य है. हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक षड्यंत्र का नतीजा थी.
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लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद किसान आंदोलन के लिए राजनीतिक समर्थन लिया: राकेश टिकैत
- Monday February 1, 2021
एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है. प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया. इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है.’’ गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है.’’ शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है.
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सरकार इंटरनेट पर रोक लगाकर किसानों की आवाज दबाने पर आमादा है : कांग्रेस
- Monday February 1, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, " मैं हमारे अन्नदाताओं पर इस सरकार द्वारा इस तरह के अत्याचार का विरोध करता हूं. शर्म करो भाजपा. शेम, शेम." चौधरी ने दावा किया, "भाजपा आंसुओं से डर गई है. किसानों की आंखों से निकले आंसुओं की ताकत ने भाजपा को हिला दिया है जो हर मौके का इस्तेमाल घड़याली आंसू बहाने के लिए करती है." कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन कानूनों पर 18 महीने के लिए रोक लगा दी गई है.
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सरकार किसानों से कहे वह कानून वापस क्यों नहीं ले सकती, हम उसका सिर नहीं झुकने देंगे: राकेश टिकैत
- Sunday January 31, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है. हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं. हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे.’’ टिकैत ने कहा, ‘‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है. किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे.’’
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BKU (लोकशक्ति) ने फिर शुरू किया कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन
- Saturday January 30, 2021
इस कदम से (बीकेयू नेता) राकेश टिकैत व्यथित हैं. उनकी गिरफ्तारी और वहां विरोध समाप्त होने के बारे में घोषणा की गई थी, लेकिन विधायक ने वहां माहौल को बिगाड़ दिया और टिकैत रो पड़े.” उन्होंने कहा, ''बीकेयू (लोक शक्ति) दमन की किसी भी नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा. सरकार या प्रशासन कोई भी कार्रवाई कर सकता है लेकिन कोई विधायक या जनप्रतिनिधि किसानों के साथ क्रूरता से व्यवहार नहीं कर सकता और बीकेयू (लोक शक्ति) यह बर्दाश्त नहीं करेगा.’
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किसानों के एक संगठन ने धरना वापस लिया, 57 दिनों बाद चिल्ला सीमा खोली गई
- Thursday January 28, 2021
नए कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया. दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है. वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया.
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कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई दूसरा समाधान नहीं: प्रियंका गांधी
- Friday January 8, 2021
गौरतलब है कि किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को नए दौर की बातचीत हो रही है. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए. अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
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नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन
- Tuesday December 29, 2020
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया, ‘‘अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने किसानों को भूमि संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया.’’ ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष समिति का विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया धरना भी आज जारी रहा.
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किसान नेताओं ने ‘सम्मानपूर्ण समाधान’ की जरूरत बताई, कहा दबाव में नहीं मानेंगे
- Monday February 1, 2021
राकेश टिकैत ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे. किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुकें.’’ हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो.’’ गणतंत्र दिवस पर अनेक प्रदर्शनकारी लाल किले के अंदर पहुंच गये थे. टिकैत बंधुओं ने भी गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा की और कहा कि यह अस्वीकार्य है. हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि यह हिंसा एक षड्यंत्र का नतीजा थी.
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लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद किसान आंदोलन के लिए राजनीतिक समर्थन लिया: राकेश टिकैत
- Monday February 1, 2021
एक सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा, ‘‘संयुक्त किसान मोर्चा ने राजनीतिक दलों को अपने आंदोलन में प्रवेश नहीं करने दिया था क्योंकि हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है. प्रदर्शन को लेकर लोकतंत्र का मजाक बनाए जाने के बाद, राजनीतिक दलों से समर्थन लिया गया. इसके बावजूद, नेताओं को किसान आंदोलन के मंच से दूर रखा गया है.’’ गाजीपुर बॉर्डर पर टिकैत से मिलने आए शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा, ‘‘मोदी साब नु किसाना दी मन दी गल सुननी चाहिदी है.’’ शिअद कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र में सत्तारूढ़ राजग से रिश्ता तोड़ चुका है.
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सरकार इंटरनेट पर रोक लगाकर किसानों की आवाज दबाने पर आमादा है : कांग्रेस
- Monday February 1, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, " मैं हमारे अन्नदाताओं पर इस सरकार द्वारा इस तरह के अत्याचार का विरोध करता हूं. शर्म करो भाजपा. शेम, शेम." चौधरी ने दावा किया, "भाजपा आंसुओं से डर गई है. किसानों की आंखों से निकले आंसुओं की ताकत ने भाजपा को हिला दिया है जो हर मौके का इस्तेमाल घड़याली आंसू बहाने के लिए करती है." कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन कानूनों पर 18 महीने के लिए रोक लगा दी गई है.
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सरकार किसानों से कहे वह कानून वापस क्यों नहीं ले सकती, हम उसका सिर नहीं झुकने देंगे: राकेश टिकैत
- Sunday January 31, 2021
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों को अपनी बात बता सकती है. हम (किसान) ऐसे लोग हैं जो पंचायती राज में विश्वास करते हैं. हम कभी भी दुनिया के सामने सरकार का सिर शर्म से नहीं झुकने देंगे.’’ टिकैत ने कहा, ‘‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है. किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे.’’
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BKU (लोकशक्ति) ने फिर शुरू किया कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन
- Saturday January 30, 2021
इस कदम से (बीकेयू नेता) राकेश टिकैत व्यथित हैं. उनकी गिरफ्तारी और वहां विरोध समाप्त होने के बारे में घोषणा की गई थी, लेकिन विधायक ने वहां माहौल को बिगाड़ दिया और टिकैत रो पड़े.” उन्होंने कहा, ''बीकेयू (लोक शक्ति) दमन की किसी भी नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा. सरकार या प्रशासन कोई भी कार्रवाई कर सकता है लेकिन कोई विधायक या जनप्रतिनिधि किसानों के साथ क्रूरता से व्यवहार नहीं कर सकता और बीकेयू (लोक शक्ति) यह बर्दाश्त नहीं करेगा.’
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किसानों के एक संगठन ने धरना वापस लिया, 57 दिनों बाद चिल्ला सीमा खोली गई
- Thursday January 28, 2021
नए कृषि कानूनों को लेकर करीब दो माह से चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने बुधवार से अपना धरना वापस ले लिया. दिल्ली में मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसक घटना तथा राष्ट्र ध्वज के अपमान से आहत होकर भानु गुट ने धरना वापस लिया है. वहीं लोक शक्ति दल ने अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है. नोएडा यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि बीकेयू (भानु) के विरोध वापस लेने के साथ ही चिल्ला बॉर्डर के माध्यम से दिल्ली-नोएडा मार्ग 57 दिनों के बाद यातायात के लिए फिर से खुल गया.
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कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई दूसरा समाधान नहीं: प्रियंका गांधी
- Friday January 8, 2021
गौरतलब है कि किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को नए दौर की बातचीत हो रही है. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दी जाए. अपनी मांगों को लेकर हजारों किसान दिल्ली के निकट पिछले करीब 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
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नए कृषि कानूनों के विरोध में नोएडा में कई स्थानों पर जारी है किसानों का धरना-प्रदर्शन
- Tuesday December 29, 2020
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया, ‘‘अपर जिलाधिकारी दिवाकर सिंह ने किसानों को भूमि संबंधित कानूनों के बारे में जानकारी दी और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया.’’ ग्रेटर नोएडा में किसान संघर्ष समिति का विभिन्न मांगों को लेकर शुरू किया गया धरना भी आज जारी रहा.
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