'Nirmohi akhada'

- 13 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार दिसम्बर 11, 2019 05:55 PM IST
    राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्मोही अखाड़े ने भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है. अयोध्या मामले में निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अखाड़े ने फैसले के मुताबिक ट्रस्ट में उसका स्थान अब तक केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट न किए जाने का मुद्दा उठाया है.
  • India | Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 01:47 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया और केन्द्र को निर्देश दिया कि मस्जिद निर्माण के लिये सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ का भूखंड आबंटित किया जाए.  प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया.
  • India | Written by: आनंद नायक |शनिवार नवम्बर 9, 2019 12:37 PM IST
    सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा को जमीन देने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गलत था. गौरतलब है कि निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी लिखित दलील में कहा था कि विवादित भूमि का आंतरिक और बाहरी अहाता भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में मान्य है. हम रामलला के सेवायत हैं. यह हमारे अधिकार में सदियों से रहा है. ऐसे में हमें ही रामलला के मंदिर के पुनर्निर्माण, रखरखाव और सेवा का अधिकार मिलना चाहिए.
  • India | Written by: मानस मिश्रा |शनिवार नवम्बर 9, 2019 12:07 PM IST
    अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने एक पक्ष निर्मोही अखाड़े के जमीन पर मालिकाना हक के दावे को खारिज कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े का प्रतिनिधि भी होना चाहिए. अखाड़े की ओर से दलील दी गई कि विवादित भूमि के अंदरुनी और बाहरी अहाता ही भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में मान्य है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: Samarjeet Singh |शनिवार अक्टूबर 19, 2019 03:18 PM IST
    बता दें कि इस पूरे विवाद के बीच रामलला विराजमान की ओर से भी लिखित जवाब दाखिल किया गया है. रामलला ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सारा क्षेत्र राम मंदिर के लिए उसे दिया जाए. साथ ही निर्मोही अखाड़ा या मुस्लिम पार्टियों को जमीन का कोई हिस्सा नहीं मिलना चाहिए. उधर, राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति ने भी सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया है. समिति ने कहा कि विवादित जमीन पर मंदिर ही बने.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:32 AM IST
    सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने शुक्रवार को अयोध्या केस (Ayodhya Case) में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद के मामले की 37 वें दिन की सुनवाई करते हुए कहा कि 17 अक्टूबर तक इस मामले की सुनवाई पूरी होगी. उन्होंने अयोध्या के इस मामले से संबंधित ने सभी पक्षों से कहा कि 17 अक्टूबर तक बहस पूरी करें. पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी पक्षों को 18 अक्टूबर तक बहस पूरी करने के लिए कहा था. इस केस में 14 अक्टूबर को मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन बहस जारी रखेंगे. बाकी सब पक्षकार 15-16 को दलीलें देंगे और 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होगी. यानी अब सिर्फ चार दिन ही सुनवाई होनी है.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:33 AM IST
    अयोध्या केस (Ayodhya Case) में सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर गुरुवार को 36वें दिन सुनवाई हुई. कोर्ट में निर्मोही अखाड़े की ओर से सुशील जैन ने कहा कि अब यह सुनवाई 20-20 जैसी हो गई है. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपको हमने साढ़े चार दिन दिए. यहां आपको जवाब देना है तो अब आप इसे 20-20 कह रहे हैं? तो क्या आपकी पिछली बहस टेस्ट मैच थी? सुशील जैन ने कहा कि हमारा दावा आंतरिक अहाते को लेकर है, क्योंकि बाहर तो हमारा अधिकार और कब्ज़ा था ही. हमने बाहर के पजेशन के लिए अर्ज़ी नहीं लगाई है क्योंकि वह तो पहले से ही हमारे पास था.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:38 AM IST
    अयोध्या केस (Ayodhya Case) में मंगलवार को 30 वें दिन की सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर निरंतर सुनवाई हो रही है. मुस्लिम पक्ष की ओर से उसके वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि हिन्दू 1886 केफैसले में पूजा का अधिकार मिलने के बाद विवादित स्थल पर बने चबूतरे पर ही मंदिर बनाना चाहते थे. पर तब के जिला कोर्ट ने इसकी इजाज़त नहीं दी थी. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में स्वीकार किया कि राम चबूतरे पर भगवान राम का जन्म हुआ था. उन्होंने कहा कि बाद में गुंबद वाले स्थान पर भी हिंदू दावा करने लगे. मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने आज अपनी दलीलें पूरी कर लीं.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:39 AM IST
    अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले (Ayodhya Case) में सोमवार को 29 वें दिन की सुनवाई हुई. कोर्ट (जस्टिस बोबड़े) ने पूछा कि अब तक कितने तरह के ज्यूरिस्टिक पर्सन को मान्यता मिली है. क्या उनकी सूची आप पेश कर सकते हैं? इस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि इसके लिए तो मुझे 18-20 पीएचडी करनी पड़ेंगी. उन्होंने कहा कि वैसे धर्मशास्त्र ने दो तरह के लोगों को ज्यूरिस्टिक पर्सन माना है. एक तो वे जिनको मानते हैं, और दूसरे जो खुद को ज्यूरिस्टिक पर्सन बना लेते हैं. कोर्ट तीसरे तरह की चीज़ को ज्यूरिस्टिक पर्सन बनाने पर सवाल कर रहा है, जो न तो खुद से है, न ही लोगों ने बनाया. अब आप इलाहाबाद के किले से चारों ओर के इलाके को ज्यूरिस्टिक पर्सन मान लें, जहां हनुमान और संगम है, तो ये कोई नए तरह के देवता हो जाएंगे.
  • India | Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: अल्केश कुशवाहा |बुधवार अक्टूबर 16, 2019 09:41 AM IST
    इस केस की सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी होने की उम्मीद भी जताई. 27 सितंबर तक मुस्लिम पक्षकार अपनी बहस पूरी कर लेंगे. मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से राजीव धवन ने कहा, ''अगले हफ़्ते तक हम अपनी बहस पूरी कर लेंगे.''
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