Nature In Indian Culture
- सब
- ख़बरें
-
महुआ की छाया में पलती गोंड चित्रकला
- Saturday March 30, 2024
- Atula Gupta
मार्च-अप्रैल के महीनों में, जब फागुन के फूल बहार में हों, गोंड जनजाति की महिलाएं अक्सर एक पेड़ के नीचे हजारों की संख्या में बिखरे पड़े मनमोहक फूलों को बीनती हुई मिलेंगी. यह पेड़ इनके लिए रोजगार का साधन भी है, आराधना योग्य भगवान भी और सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इनके जीवन को सजाती और संवारती चली आ रही है. यह विशेष वृक्ष है महुआ, जिसे गोंड आदिवासी “Elixir of Life” या जीवनदायिनी मानते हैं.
-
ndtv.in
-
महुआ की छाया में पलती गोंड चित्रकला
- Saturday March 30, 2024
- Atula Gupta
मार्च-अप्रैल के महीनों में, जब फागुन के फूल बहार में हों, गोंड जनजाति की महिलाएं अक्सर एक पेड़ के नीचे हजारों की संख्या में बिखरे पड़े मनमोहक फूलों को बीनती हुई मिलेंगी. यह पेड़ इनके लिए रोजगार का साधन भी है, आराधना योग्य भगवान भी और सांस्कृतिक धरोहर भी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इनके जीवन को सजाती और संवारती चली आ रही है. यह विशेष वृक्ष है महुआ, जिसे गोंड आदिवासी “Elixir of Life” या जीवनदायिनी मानते हैं.
-
ndtv.in