Mobile Phones Export
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वित्त वर्ष 2024-25 में स्मार्टफोन निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये के पार, आईफोन का वर्चस्व
- Tuesday April 8, 2025
- Edited by: चंदन वत्स
दिग्गज अमेरिकी कंपनी एप्पल ने भारत में अपने लोकप्रिय आईफोन का उत्पादन कुछ साल पहले ही शुरू किया है. भारत आईफोन विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है.
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ndtv.in
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"भारत का मोबाइल फोन निर्यात पांच गुना होकर 50-60 अरब डॉलर तक पहुंचेगा" : अश्विनी वैष्णव
- Thursday March 7, 2024
- Reported by: भाषा
वैष्णव ने भारत की विकास गाथा पर एक प्रस्तुति साझा करते हुए कहा, 'पिछले साल 11 अरब डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात किए गए थे. आने वाले दिनों में आप 50-60 अरब डॉलर का निर्यात देखेंगे. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में कार्यरत लोगों की संख्या भी 25 लाख हो जाएगी.'
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भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है सरकार
- Tuesday September 17, 2019
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार का सबसे ज़्यादा असर इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार पर पड़ रहा है. चीन में जैसे जैसे इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेन्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग करना महंगा हो रहा है. वहां सक्रीय कंपनियां अब नया बाज़ार तलाश रही हैं. इस माहौल में सरकार ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की कवायद शुरू कर दी है.
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वित्त वर्ष 2024-25 में स्मार्टफोन निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये के पार, आईफोन का वर्चस्व
- Tuesday April 8, 2025
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दिग्गज अमेरिकी कंपनी एप्पल ने भारत में अपने लोकप्रिय आईफोन का उत्पादन कुछ साल पहले ही शुरू किया है. भारत आईफोन विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है.
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"भारत का मोबाइल फोन निर्यात पांच गुना होकर 50-60 अरब डॉलर तक पहुंचेगा" : अश्विनी वैष्णव
- Thursday March 7, 2024
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वैष्णव ने भारत की विकास गाथा पर एक प्रस्तुति साझा करते हुए कहा, 'पिछले साल 11 अरब डॉलर के मोबाइल फोन निर्यात किए गए थे. आने वाले दिनों में आप 50-60 अरब डॉलर का निर्यात देखेंगे. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में कार्यरत लोगों की संख्या भी 25 लाख हो जाएगी.'
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भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन का मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है सरकार
- Tuesday September 17, 2019
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार का सबसे ज़्यादा असर इलेक्ट्रॉनिक्स व्यापार पर पड़ रहा है. चीन में जैसे जैसे इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेन्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग करना महंगा हो रहा है. वहां सक्रीय कंपनियां अब नया बाज़ार तलाश रही हैं. इस माहौल में सरकार ने भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की कवायद शुरू कर दी है.
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