Madhya Pradesh Human Rights Commission
- सब
- ख़बरें
-
मध्य प्रदेश : शराब फैक्ट्री में बाल मजदूरों की उंगलियां गल गईं, हाथों में छाले; 60 बच्चों को किया गया रेस्क्यू
- Sunday June 16, 2024
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बाल श्रमिकों (Child labors) के शोषण का एक भयावह मामला सामने आया है. यहां बाल अधिकार आयोग (Child rights commission) द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान 60 से अधिक बच्चे शराब फैक्ट्री में काम करते हुए पाए गए. शिकायतें मिलने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सोम डिस्टिलरी का दौरा किया था. टीम ने पाया कि 20 लड़कियों सहित 60 से अधिक बच्चे खतरनाक हालात में काम कर रहे थे.
- ndtv.in
-
मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड-19 का जिक्र नहीं, मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
- Thursday June 3, 2021
- Reported by: भाषा
आयोग ने यह भी कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए. आयोग के एक अधिकारी ने विज्ञप्ति में बताया कि मीडिया की खबरों के आधार पर प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिवों, इंदौर संभाग के आयुक्त, इंदौर नगर निगम के आयुक्त और अन्य अफसरों से दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है.
- ndtv.in
-
मध्य प्रदेश : शराब फैक्ट्री में बाल मजदूरों की उंगलियां गल गईं, हाथों में छाले; 60 बच्चों को किया गया रेस्क्यू
- Sunday June 16, 2024
- Reported by: अनुराग द्वारी, Edited by: सूर्यकांत पाठक
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में बाल श्रमिकों (Child labors) के शोषण का एक भयावह मामला सामने आया है. यहां बाल अधिकार आयोग (Child rights commission) द्वारा किए गए औचक निरीक्षण के दौरान 60 से अधिक बच्चे शराब फैक्ट्री में काम करते हुए पाए गए. शिकायतें मिलने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सोम डिस्टिलरी का दौरा किया था. टीम ने पाया कि 20 लड़कियों सहित 60 से अधिक बच्चे खतरनाक हालात में काम कर रहे थे.
- ndtv.in
-
मृत्यु प्रमाणपत्रों में कोविड-19 का जिक्र नहीं, मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट
- Thursday June 3, 2021
- Reported by: भाषा
आयोग ने यह भी कहा कि इस संबंध में सरकार द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाने चाहिए. आयोग के एक अधिकारी ने विज्ञप्ति में बताया कि मीडिया की खबरों के आधार पर प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिवों, इंदौर संभाग के आयुक्त, इंदौर नगर निगम के आयुक्त और अन्य अफसरों से दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की गई है.
- ndtv.in