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करनाल: किसानों और प्रशासन में बनी बात, लाठीचार्ज की होगी न्यायिक जांच, विवादित SDM छुट्टी पर रहेंगे
- Saturday September 11, 2021
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: प्रमोद कुमार प्रवीण
किसानों और प्रशासन के बीच आम सहमति बनने के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी और ACS देवेद्र सिंह ने कहा कि एक महीने के अंदर जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. यह भी निर्णय लिया गया कि जिस किसान की मौत हुई है, उनके परिवार के दो लोगों को नौकरी दी जाएगी.
- ndtv.in
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किसानों के हक की लड़ाई, सरकार की नाक की लड़ाई
- Thursday September 9, 2021
- रवीश कुमार
करनाल में किसानों के प्रदर्शन ने एक बार फिर से उजागर किया है कि प्रदर्शन करने का अधिकार भी लड़ कर लिया जाता है. करनाल में किसानों ने सचिवालय का घेराव कर सरकार की बनाई लक्ष्मण रेखा की जगह अपनी लक्ष्मण रेखा खींच दी है कि वे कहां तक जा सकते हैं. दिल्ली की सीमाओं पर 9 महीने से रोके गए किसानों ने करनाल शहर के भीतर लघु सचिवाल के पास अपना नया मोर्चा बना लिया है. हज़ारों की संख्या में किसान यहां रात भर मौजूद रहे. खुले आसमान के नीचे रात बिताई. यहीं खाना खाया और सो गए. संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट किया कि किसानों ने फुटपाथ पर रात गुज़ारी है. सुबह तक यहां टेंट लगने शुरू हो गए. कोरोना के काल में सेवा करने वाले गुरुद्वारे से श्रद्धालु यहां सेवा देने आ चुके हैं.
- ndtv.in
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किसानों ने की आवाज बुलंद, दिल्ली के कान बंद
- Wednesday September 8, 2021
- रवीश कुमार
करनाल में किसान आंदोलन और ज़िला प्रशासन दोनों एक दूसरे के लिए चुनौती बन गए हैं. आज किसान नेताओं और प्रशासन के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम हो गई. दोपहर बाद किसान नेताओं ने कहा कि अब वे ज़िला प्रशासन से बात नहीं करेंगे. इसी के साथ फैसला हुआ कि करनाल स्थित लघु सचिवालय की तरफ मार्च किया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा कि जो प्रशासन दे रहा है और वो हम नहीं मान सकते और जो हम मांग कर रहे हैं वो प्रशासन नहीं मान रहा है. इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों ने लघु सचिवालय की तरफ मार्च शुरू कर दिया. किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ना शुरू किया और प्रशासन ने भी उन्हें आने दिया. दो-दो बैरिकेड पार कर किसान आगे बढ़ते रहे. किसानों की यह संख्या बता रही थी कि सचिवालय के पास पहुंचकर वहां किस तरह की चुनौती होने वाली है. प्रशासन के लिए भी यह चुनौती थी कि वह इतनी भीड़ को संभाले और किसानों के लिए भी संयम से घेराव करने की चुनौती होगी. शाम के वक्त दोनों ओर से तनाव की खास स्थिति नज़र नहीं आई. योगेंद्र यादव ने बयान दिया कि किसानों ने सचिवालय घेर लिया है और शांतिपूर्ण तरीके से सब चल रहा है.
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करनाल: किसानों और प्रशासन में बनी बात, लाठीचार्ज की होगी न्यायिक जांच, विवादित SDM छुट्टी पर रहेंगे
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किसानों और प्रशासन के बीच आम सहमति बनने के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी और ACS देवेद्र सिंह ने कहा कि एक महीने के अंदर जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. यह भी निर्णय लिया गया कि जिस किसान की मौत हुई है, उनके परिवार के दो लोगों को नौकरी दी जाएगी.
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करनाल में किसान आंदोलन और ज़िला प्रशासन दोनों एक दूसरे के लिए चुनौती बन गए हैं. आज किसान नेताओं और प्रशासन के बीच दो दौर की बातचीत नाकाम हो गई. दोपहर बाद किसान नेताओं ने कहा कि अब वे ज़िला प्रशासन से बात नहीं करेंगे. इसी के साथ फैसला हुआ कि करनाल स्थित लघु सचिवालय की तरफ मार्च किया जाएगा. किसान नेताओं ने कहा कि जो प्रशासन दे रहा है और वो हम नहीं मान सकते और जो हम मांग कर रहे हैं वो प्रशासन नहीं मान रहा है. इसके बाद बड़ी संख्या में किसानों ने लघु सचिवालय की तरफ मार्च शुरू कर दिया. किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ना शुरू किया और प्रशासन ने भी उन्हें आने दिया. दो-दो बैरिकेड पार कर किसान आगे बढ़ते रहे. किसानों की यह संख्या बता रही थी कि सचिवालय के पास पहुंचकर वहां किस तरह की चुनौती होने वाली है. प्रशासन के लिए भी यह चुनौती थी कि वह इतनी भीड़ को संभाले और किसानों के लिए भी संयम से घेराव करने की चुनौती होगी. शाम के वक्त दोनों ओर से तनाव की खास स्थिति नज़र नहीं आई. योगेंद्र यादव ने बयान दिया कि किसानों ने सचिवालय घेर लिया है और शांतिपूर्ण तरीके से सब चल रहा है.
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