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न्यायिक समीक्षा की शक्तियों के तहत कॉलेजियम को फैसले पर पुनर्विचार के लिए नहीं कह सकते : सुप्रीम कोर्ट
- Friday February 10, 2023
- Reported by: भाषा
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “हमारी स्पष्ट राय है कि न्यायिक समीक्षा की शक्ति का प्रयोग करते हुए यह न्यायालय सिफारिश को रद्द करने के लिए उत्प्रेषण रिट जारी नहीं कर सकता है.”
- ndtv.in
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राष्ट्रपति और राज्यपाल की दया याचिका की शक्ति की भी हो सकती है न्यायिक समीक्षा
- Friday January 17, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
राष्ट्रपति और राज्यपाल की दया याचिका की शक्ति की न्यायिक समीक्षा भी हो सकती है. संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 के तहत शक्तियों के प्रयोग पर न्यायिक समीक्षा की सीमाओं को संविधान पीठ द्वारा मारू राम बनाम भारत संघ मामले में सीमित कर दिया गया था. यह कहा गया था कि संवैधानिक शक्ति सहित सभी सार्वजनिक शक्ति को मनमाने ढंग से या दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने इस बात पर जोर दिया था कि "शक्ति सबसे महान क्षण है, स्वयं के लिए कोई कानून नहीं हो सकता है लेकिन इसे संवैधानिकता के महीन सिद्धांत द्वारा सूचित किया जाना चाहिए.
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न्यायिक समीक्षा की शक्तियों के तहत कॉलेजियम को फैसले पर पुनर्विचार के लिए नहीं कह सकते : सुप्रीम कोर्ट
- Friday February 10, 2023
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, “हमारी स्पष्ट राय है कि न्यायिक समीक्षा की शक्ति का प्रयोग करते हुए यह न्यायालय सिफारिश को रद्द करने के लिए उत्प्रेषण रिट जारी नहीं कर सकता है.”
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राष्ट्रपति और राज्यपाल की दया याचिका की शक्ति की भी हो सकती है न्यायिक समीक्षा
- Friday January 17, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
राष्ट्रपति और राज्यपाल की दया याचिका की शक्ति की न्यायिक समीक्षा भी हो सकती है. संविधान के अनुच्छेद 72 और 161 के तहत शक्तियों के प्रयोग पर न्यायिक समीक्षा की सीमाओं को संविधान पीठ द्वारा मारू राम बनाम भारत संघ मामले में सीमित कर दिया गया था. यह कहा गया था कि संवैधानिक शक्ति सहित सभी सार्वजनिक शक्ति को मनमाने ढंग से या दुर्भावनापूर्ण तरीके से नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने इस बात पर जोर दिया था कि "शक्ति सबसे महान क्षण है, स्वयं के लिए कोई कानून नहीं हो सकता है लेकिन इसे संवैधानिकता के महीन सिद्धांत द्वारा सूचित किया जाना चाहिए.
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