Jaliya Wala Bag
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जलियांवाला बाग : वह जगह, जहां 102 साल बाद भी मौजूद हैं निहत्थों पर बरसाई गई गोलियों के निशां, जानें 10 खास बातें
- Tuesday April 13, 2021
- Written by: संज्ञा सिंह
Jallianwala Bagh Massacre : आज जालियांवाला बाग की 102वीं बरसी है. देश जालियांवाला बाग की 102वीं बरसी पर शहीदों को याद कर रहा है. साल 1919 में अमृतसर में हुए इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन ब्रिटिश सरकार के आंकड़ें में सिर्फ 379 की हत्या दर्ज की गई है. जलियांवाला बाग नरसंहार ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है.
- ndtv.in
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जलियांवाला बाग का लंदन में लिया था बदला, गोलियों से उड़ा दिया था जरनल डायर को, जानिए कौन थे उधम सिंह
- Saturday April 13, 2019
- Written by: रेणु चौहान
Jallianwala Bagh: पंजाब के सुनाम में जन्मे उधम सिंह को गवर्नव जनरल माइकल डायर (Michael O'Dwyer) की हत्या की वजह से जाने जाते हैं. उधम सिंह ने ही 13 मार्च, 1940 को लंदन के कैक्सटन हॉल में डायर को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था.
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जलियांवाला बाग हत्याकांड : वह जगह, जहां अब भी मौजूद हैं निहत्थों पर बरसाई गई गोलियों के निशां, 10 खास बातें
- Saturday April 13, 2019
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
आज जालियांवाला बाग की 100वीं बरसी है. देश जालियांवाला बाग की 100वीं बरसी पर शहीदों को याद कर रहा है. साल 1919 में अमृतसर में हुए इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन ब्रिटिश सरकार के आंकड़ें में सिर्फ 379 की हत्या दर्ज की गई है. जलियांवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है. आज से 99 साल पहले 13 अप्रैल, 1919 को अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस हत्याकांड में 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 1,500 से भी ज़्यादा घायल हुए थे. जिस दिन यह क्रूरतम घटना हुई, उस दिन बैसाखी थी. इसी हत्याकांड के बाद ब्रिटिश हुकूमत के अंत की शुरुआत हुई. इसी के बाद देश को ऊधम सिंह जैसा क्रांतिकारी मिला और भगत सिंह के दिलों में समेत कई युवाओं में देशभक्ति की लहर दौड़ गई. जानिए, जलियांवाला बाग हत्याकांड से जुड़ी 10 खास बातें...
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Jallianwala Bagh Massacre : आज जालियांवाला बाग की 102वीं बरसी है. देश जालियांवाला बाग की 102वीं बरसी पर शहीदों को याद कर रहा है. साल 1919 में अमृतसर में हुए इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन ब्रिटिश सरकार के आंकड़ें में सिर्फ 379 की हत्या दर्ज की गई है. जलियांवाला बाग नरसंहार ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है.
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आज जालियांवाला बाग की 100वीं बरसी है. देश जालियांवाला बाग की 100वीं बरसी पर शहीदों को याद कर रहा है. साल 1919 में अमृतसर में हुए इस नरसंहार में हजारों लोग मारे गए थे लेकिन ब्रिटिश सरकार के आंकड़ें में सिर्फ 379 की हत्या दर्ज की गई है. जलियांवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है. आज से 99 साल पहले 13 अप्रैल, 1919 को अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं. इस हत्याकांड में 1,000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 1,500 से भी ज़्यादा घायल हुए थे. जिस दिन यह क्रूरतम घटना हुई, उस दिन बैसाखी थी. इसी हत्याकांड के बाद ब्रिटिश हुकूमत के अंत की शुरुआत हुई. इसी के बाद देश को ऊधम सिंह जैसा क्रांतिकारी मिला और भगत सिंह के दिलों में समेत कई युवाओं में देशभक्ति की लहर दौड़ गई. जानिए, जलियांवाला बाग हत्याकांड से जुड़ी 10 खास बातें...
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