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India Russia Defence Ties

'India Russia Defence Ties' - 2 News Result(s)
  • 'पहले भी साफ कह चुके हैं, हम नहीं चाहते कि भारत रूस पर निर्भर रहे..': अमेरिका

    'पहले भी साफ कह चुके हैं, हम नहीं चाहते कि भारत रूस पर निर्भर रहे..': अमेरिका

    पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम भारत समेत अन्य देशों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं. हम नहीं चाहते कि ये देश रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहें. हम ईमानदारी से इसका विरोध करते हैं.’

  • हथियार खरीदने में भारत की मदद के लिए तैयार अमेरिका, पर रखी एक खास शर्त

    हथियार खरीदने में भारत की मदद के लिए तैयार अमेरिका, पर रखी एक खास शर्त

    ‘एस-400’ रूस का सबसे आधुनिक सतह से हवा तक लंबी दूरी वाला मिसाइल रक्षा तंत्र है. चीन 2014 में इस तंत्र की खरीद के लिए सरकार से सरकार के बीच करार करने वाला पहला देश बन गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच पिछले वर्ष अक्टूबर में अनेक मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद भारत और रूस के बीच पांच अरब डॉलर में ‘एस-400’ हवाई रक्षा तंत्र खरीद सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे. विदेश मंत्रालय की विशेष अधिकारी एलिस जी वेल्स ने एशिया, प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार के लिए विदेश मामलों में सदन की उपसमिति को बताया कि अमेरिका अब किसी अन्य देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे अधिक सैन्य अभ्यास करता है.

'India Russia Defence Ties' - 2 News Result(s)
  • 'पहले भी साफ कह चुके हैं, हम नहीं चाहते कि भारत रूस पर निर्भर रहे..': अमेरिका

    'पहले भी साफ कह चुके हैं, हम नहीं चाहते कि भारत रूस पर निर्भर रहे..': अमेरिका

    पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम भारत समेत अन्य देशों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं. हम नहीं चाहते कि ये देश रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहें. हम ईमानदारी से इसका विरोध करते हैं.’

  • हथियार खरीदने में भारत की मदद के लिए तैयार अमेरिका, पर रखी एक खास शर्त

    हथियार खरीदने में भारत की मदद के लिए तैयार अमेरिका, पर रखी एक खास शर्त

    ‘एस-400’ रूस का सबसे आधुनिक सतह से हवा तक लंबी दूरी वाला मिसाइल रक्षा तंत्र है. चीन 2014 में इस तंत्र की खरीद के लिए सरकार से सरकार के बीच करार करने वाला पहला देश बन गया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच पिछले वर्ष अक्टूबर में अनेक मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद भारत और रूस के बीच पांच अरब डॉलर में ‘एस-400’ हवाई रक्षा तंत्र खरीद सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे. विदेश मंत्रालय की विशेष अधिकारी एलिस जी वेल्स ने एशिया, प्रशांत एवं परमाणु अप्रसार के लिए विदेश मामलों में सदन की उपसमिति को बताया कि अमेरिका अब किसी अन्य देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे अधिक सैन्य अभ्यास करता है.