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Income Tax Declaration To Employer

'Income Tax Declaration To Employer' - 1 News Result(s)
  • अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    हर वित्तवर्ष की शुरुआत में हर नौकरीपेशा शख्स अपने नियोक्ता को उस रकम की जानकारी देता है, जो वह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, बीमा पॉलिसी प्रीमियम, मकान किराया, होम लोन, एजुकेशन लोन या बच्चों की ट्यूशन फीस पर खर्च करने वाला है, और इसी घोषणा के आधार पर नियोक्ता तय करता है कि नौकरी करने वाले शख्स की एनुअल टैक्स लायबिलिटी, यानी वार्षिक कर देनदारी कितनी होगी, और उसे आपके वेतन से कितना टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टिड एट सोर्स) काटना होगा. यदि ध्यान से और सोचसमझकर किया जाए, तो यह घोषणा भी आपको सालभर के लिए टैक्स प्लानिंग करने में मददगार साबित हो सकती है... इस साल कुछ नियम बदल गए हैं, सो, जब आप अपने नियोक्ता को अपनी बचत की जानकारी दें, तो 1 अप्रैल, 2017 से बदल चुके इन नियमों का ध्यान रखें...

'Income Tax Declaration To Employer' - 1 News Result(s)
  • अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    अगर एम्प्लॉयर को दे रहे हैं टैक्स डिक्लेयरेशन : इन 10 बदलावों का रखें खास ध्यान...

    हर वित्तवर्ष की शुरुआत में हर नौकरीपेशा शख्स अपने नियोक्ता को उस रकम की जानकारी देता है, जो वह इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम, बीमा पॉलिसी प्रीमियम, मकान किराया, होम लोन, एजुकेशन लोन या बच्चों की ट्यूशन फीस पर खर्च करने वाला है, और इसी घोषणा के आधार पर नियोक्ता तय करता है कि नौकरी करने वाले शख्स की एनुअल टैक्स लायबिलिटी, यानी वार्षिक कर देनदारी कितनी होगी, और उसे आपके वेतन से कितना टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टिड एट सोर्स) काटना होगा. यदि ध्यान से और सोचसमझकर किया जाए, तो यह घोषणा भी आपको सालभर के लिए टैक्स प्लानिंग करने में मददगार साबित हो सकती है... इस साल कुछ नियम बदल गए हैं, सो, जब आप अपने नियोक्ता को अपनी बचत की जानकारी दें, तो 1 अप्रैल, 2017 से बदल चुके इन नियमों का ध्यान रखें...