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Hearing Pil Against Cbi Interim Director

'Hearing Pil Against Cbi Interim Director' - 2 News Result(s)
  • CBI मामला: नागेश्वर राव केस से हटने वाले तीसरे जज बने जस्टिस रमना, बोले- उनकी बेटी की शादी में गया था

    CBI मामला: नागेश्वर राव केस से हटने वाले तीसरे जज बने जस्टिस रमना, बोले- उनकी बेटी की शादी में गया था

    सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. गैर सरकारी संगठन ‘कामन कॉज’ ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति निरस्त करने का आग्रह किया गया था. प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून- 1946 की धारा 4 ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केंद्र को जांच एजेंसी का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

  • CBI मामला: नागेश्वर राव केस से CJI के बाद अब जस्टिस सीकरी भी अलग, कहा- काश सुनवाई कर पाता, AG बोले- हमें कोई आपत्ति नहीं

    CBI मामला: नागेश्वर राव केस से CJI के बाद अब जस्टिस सीकरी भी अलग, कहा- काश सुनवाई कर पाता, AG बोले- हमें कोई आपत्ति नहीं

    केस से अलग होते हुए सीजेआई ने कहा था कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे. प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं. सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया था कि CBI निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.

'Hearing Pil Against Cbi Interim Director' - 2 News Result(s)
  • CBI मामला: नागेश्वर राव केस से हटने वाले तीसरे जज बने जस्टिस रमना, बोले- उनकी बेटी की शादी में गया था

    CBI मामला: नागेश्वर राव केस से हटने वाले तीसरे जज बने जस्टिस रमना, बोले- उनकी बेटी की शादी में गया था

    सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. गैर सरकारी संगठन ‘कामन कॉज’ ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक के रूप में एम. नागेश्वर राव की नियुक्ति निरस्त करने का आग्रह किया गया था. प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून- 1946 की धारा 4 ए के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केंद्र को जांच एजेंसी का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है.

  • CBI मामला: नागेश्वर राव केस से CJI के बाद अब जस्टिस सीकरी भी अलग, कहा- काश सुनवाई कर पाता, AG बोले- हमें कोई आपत्ति नहीं

    CBI मामला: नागेश्वर राव केस से CJI के बाद अब जस्टिस सीकरी भी अलग, कहा- काश सुनवाई कर पाता, AG बोले- हमें कोई आपत्ति नहीं

    केस से अलग होते हुए सीजेआई ने कहा था कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे. प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं. सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया था कि CBI निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.