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Gurmehar Kaur Blog

'Gurmehar Kaur Blog' - 3 News Result(s)
  • मैं अपने पापा की गुलगुल हूं, गुड़िया हूं, मेरे पिता चले गए, लौटकर नहीं आए : गुरमेहर कौर का ब्लॉग

    मैं अपने पापा की गुलगुल हूं, गुड़िया हूं, मेरे पिता चले गए, लौटकर नहीं आए : गुरमेहर कौर का ब्लॉग

    दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार को लेकर दो छात्र संगठनों के बीच हुए विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर एबीवीपी के विरोध में आवाज उठाकर चर्चा में आई गुरमेहर कौर अब एक ब्लॉग को लेकर चर्चा में हैं. एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के वायरल होने के बाद छात्रा गुरमेहर कौर ने आरोप लगाया था कि उसे दुष्कर्म करने की धमकी मिली. इसके बाद राजनीति से लेकर क्रिकेटर जगत तक कई तरह की टिप्पणियां सामने आई थीं.

  • सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद के खेल में उलझ गए खिलाड़ी

    सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद के खेल में उलझ गए खिलाड़ी

    मोहम्मद अली ने साठ के दशक में वियतनाम युद्ध के खिलाफ खुलकर अपनी राय जाहिर की थी. उनकी उस वक्त बेहद आलोचना हुई थी और जेल जाने की नौबत तक आ गई थी. महान अली ने कहा था, "मेरा जमीर मुझे अपने भाइयों या किसी अश्वेत व्यक्ति या किसी गरीब भूखे पर एक ताकतवर अमेरिका के लिए गोली चलाने की इजाजत नहीं देता. और उन पर किसलिए गोली चलाऊं? उन्होंने मुझे कभी नीग्रो नहीं कहा, कभी मुझ पर हमला नहीं किया, कभी मुझ पर कुत्ते नहीं छोड़े, मुझसे मेरी राष्ट्रीयता नहीं छीनी, बलात्कार नहीं किया या मेरे माता-पिता को नहीं मारा. तो फिर मैं उन्हें क्यों मारूं? मैं उन पर गोली क्यों चलाऊं? मुझे जेल में डाल दो."

  • कौन डरता है लड़कियों के बोलने से?

    कौन डरता है लड़कियों के बोलने से?

    जब भी कोई अकेला बोलता है, उसका बोलना किसी भी भीड़ से बहुत बड़ा होता है. अकेला बोलने वाला कमज़ोर से कमज़ोर वक्त में, ताकतवर से ताकतवर सरकार के सामने एक उम्मीद होता है. सरकारें अगर हमेशा जनता के साथ होतीं तो इसी भारत देश में इसी वक्त में अलग-अलग सरकारों के ख़िलाफ़ सैकड़ों की संख्या में विरोध प्रदर्शन नहीं चल रहे होते. सरकार चुनते तो आप हैं मगर वो हमेशा आपकी नहीं होती है. ये बात जानने के लिए मैट्रिक पास होना ज़रूरी नहीं है.

'Gurmehar Kaur Blog' - 3 News Result(s)
  • मैं अपने पापा की गुलगुल हूं, गुड़िया हूं, मेरे पिता चले गए, लौटकर नहीं आए : गुरमेहर कौर का ब्लॉग

    मैं अपने पापा की गुलगुल हूं, गुड़िया हूं, मेरे पिता चले गए, लौटकर नहीं आए : गुरमेहर कौर का ब्लॉग

    दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में एक सेमिनार को लेकर दो छात्र संगठनों के बीच हुए विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर एबीवीपी के विरोध में आवाज उठाकर चर्चा में आई गुरमेहर कौर अब एक ब्लॉग को लेकर चर्चा में हैं. एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के वायरल होने के बाद छात्रा गुरमेहर कौर ने आरोप लगाया था कि उसे दुष्कर्म करने की धमकी मिली. इसके बाद राजनीति से लेकर क्रिकेटर जगत तक कई तरह की टिप्पणियां सामने आई थीं.

  • सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद के खेल में उलझ गए खिलाड़ी

    सोशल मीडिया पर राष्ट्रवाद के खेल में उलझ गए खिलाड़ी

    मोहम्मद अली ने साठ के दशक में वियतनाम युद्ध के खिलाफ खुलकर अपनी राय जाहिर की थी. उनकी उस वक्त बेहद आलोचना हुई थी और जेल जाने की नौबत तक आ गई थी. महान अली ने कहा था, "मेरा जमीर मुझे अपने भाइयों या किसी अश्वेत व्यक्ति या किसी गरीब भूखे पर एक ताकतवर अमेरिका के लिए गोली चलाने की इजाजत नहीं देता. और उन पर किसलिए गोली चलाऊं? उन्होंने मुझे कभी नीग्रो नहीं कहा, कभी मुझ पर हमला नहीं किया, कभी मुझ पर कुत्ते नहीं छोड़े, मुझसे मेरी राष्ट्रीयता नहीं छीनी, बलात्कार नहीं किया या मेरे माता-पिता को नहीं मारा. तो फिर मैं उन्हें क्यों मारूं? मैं उन पर गोली क्यों चलाऊं? मुझे जेल में डाल दो."

  • कौन डरता है लड़कियों के बोलने से?

    कौन डरता है लड़कियों के बोलने से?

    जब भी कोई अकेला बोलता है, उसका बोलना किसी भी भीड़ से बहुत बड़ा होता है. अकेला बोलने वाला कमज़ोर से कमज़ोर वक्त में, ताकतवर से ताकतवर सरकार के सामने एक उम्मीद होता है. सरकारें अगर हमेशा जनता के साथ होतीं तो इसी भारत देश में इसी वक्त में अलग-अलग सरकारों के ख़िलाफ़ सैकड़ों की संख्या में विरोध प्रदर्शन नहीं चल रहे होते. सरकार चुनते तो आप हैं मगर वो हमेशा आपकी नहीं होती है. ये बात जानने के लिए मैट्रिक पास होना ज़रूरी नहीं है.