Green Ganga Water
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बनारस में पानी हुआ हरा, विशेषज्ञों ने जताई आशंका-कहीं खत्म तो नहीं हो रही हैं गंगा!
- Friday May 28, 2021
- Reported by: अजय सिंह
अभी जैसे इधर कुछ चेंज हुए हैं वहां पर जैसे ललिता घाट पर एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन रहा है और संजोग से रिवर बेल्ट में घुस के बन रहा है. कायदे से देखे तो नेचुरल फ्लो इफेक्ट होगा 30 35 मीटर चौड़ाई है उसकी गंगा जी के अंदर यह जो अभी आपको ग्रीन कलर आपको देख रहा है.
- ndtv.in
-
गंगा की स्थिति से NGT नाराज, कहा - 'सिगरेट के पैकेट की तरह क्यों नहीं दी जा सकती हानिकारक होने की चेतावनी'
- Friday July 27, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है. NGT ने कहा कि मासूम लोग श्रद्धापूर्वक नदी का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है. एनजीटी ने कहा, 'मासूम लोग श्रद्धा और सम्मान से गंगा का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं. उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर सिगरेट के पैकेटों पर यह चेतावनी लिखी हो सकती है कि यह 'स्वास्थ्य के लिए घातक' है, तो लोगों को (नदी के जल के) प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए'?
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बनारस में पानी हुआ हरा, विशेषज्ञों ने जताई आशंका-कहीं खत्म तो नहीं हो रही हैं गंगा!
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अभी जैसे इधर कुछ चेंज हुए हैं वहां पर जैसे ललिता घाट पर एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन रहा है और संजोग से रिवर बेल्ट में घुस के बन रहा है. कायदे से देखे तो नेचुरल फ्लो इफेक्ट होगा 30 35 मीटर चौड़ाई है उसकी गंगा जी के अंदर यह जो अभी आपको ग्रीन कलर आपको देख रहा है.
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गंगा की स्थिति से NGT नाराज, कहा - 'सिगरेट के पैकेट की तरह क्यों नहीं दी जा सकती हानिकारक होने की चेतावनी'
- Friday July 27, 2018
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने गंगा नदी की स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव शहर के बीच गंगा का जल पीने और नहाने योग्य नहीं है. NGT ने कहा कि मासूम लोग श्रद्धापूर्वक नदी का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर हो सकता है. एनजीटी ने कहा, 'मासूम लोग श्रद्धा और सम्मान से गंगा का जल पीते हैं और इसमें नहाते हैं. उन्हें नहीं पता कि यह उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. अगर सिगरेट के पैकेटों पर यह चेतावनी लिखी हो सकती है कि यह 'स्वास्थ्य के लिए घातक' है, तो लोगों को (नदी के जल के) प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए'?
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