Fugitive Economic Crime Bill
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मोटी रकम हड़पकर देश से चंपत होने वालों पर नकेल, लोकसभा में बिल पारित
- Friday July 20, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों के देश से भाग जाने के बाद जागी सरकार भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 लेकर आई थी, जिससे कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके.
- ndtv.in
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मॉनसून सत्र: लोकसभा में भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल पर होगी चर्चा, राज्यसभा में आज RTI संशोधन बिल होगा पेश
- Thursday July 19, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
मोदी सरकार का पहला इम्तिहान संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. मोदी सरकार मॉनसून सत्र के दौरान होने वाली 18 सिटिंग में ज़्यादा से ज़्यादा विधेयकों की पास कराना चाहती है. एजेंडे में 46 बिल पेश करने की तैयारी थी, लेकिन सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार के ख़िलाफ़ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया जिसे स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया. सरकार के 4 साल के कार्यकाल में ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है. 2019 से पहले विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, हालांकि नंबर गेम के मामले में सरकार को कोई ख़तरा नहीं. ऐसे में ये अविश्वास प्रस्ताव सरकार के ख़िलाफ़ महज़ सांकेतिक विरोध भर है.
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मोटी रकम हड़पकर देश से चंपत होने वालों पर नकेल, लोकसभा में बिल पारित
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सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 को ध्वनिमत से पारित कर दिया. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोगों के देश से भाग जाने के बाद जागी सरकार भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश 2018 लेकर आई थी, जिससे कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जा सके.
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मोदी सरकार का पहला इम्तिहान संसद का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. मोदी सरकार मॉनसून सत्र के दौरान होने वाली 18 सिटिंग में ज़्यादा से ज़्यादा विधेयकों की पास कराना चाहती है. एजेंडे में 46 बिल पेश करने की तैयारी थी, लेकिन सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार के ख़िलाफ़ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया जिसे स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया. सरकार के 4 साल के कार्यकाल में ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है. 2019 से पहले विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, हालांकि नंबर गेम के मामले में सरकार को कोई ख़तरा नहीं. ऐसे में ये अविश्वास प्रस्ताव सरकार के ख़िलाफ़ महज़ सांकेतिक विरोध भर है.
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