Faiz Ahmad Faiz
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फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' पर हुए विवाद के बाद बढ़ी उनकी किताबों की मांग
- Sunday January 12, 2020
- Reported by: IANS
मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की मशहूर नज्म 'हम देखेंगे' को लेकर छिड़े विवाद ने भले ही साहित्य जगत में उथल-पुथल मचा दी है, लेकिन इससे युवा पीढ़ी के बीच फैज की किताबों की मांग बढ़ गई है. छात्र और युवा पेशेवरों के बीच फैज की जीवनी और नज्मों को बढ़ने को लेकर खासा उत्साह है और पुस्तक विक्रेता फैज की किताबों की सप्लाई के ऑर्डर कर रहे हैं.
- ndtv.in
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Faiz Ahmad Faiz: कौन थे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ जिनकी नज्म को बताया जा रहा है 'हिंदू विरोधी'
- Thursday January 2, 2020
- Written by: अर्चित गुप्ता
मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmad Faiz) की कविता 'हम देखेंगे (Hum Dekhenge) लाजिम है कि हम भी देखेंगे' को लेकर बढ़ते विवाद के बाद आईआईटी कानपुर ने एक समिति कठित की है जो यह तय करेगी कि फैज की नज्म हिंदू विरोधी है या नहीं. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के छात्रों के समर्थन में परिसर में 17 दिसंबर को फैज की ये नज्म गाई थी जिसको फैकल्टी के सदस्यों ने 'हिंदू विरोधी' बताया था.
- ndtv.in
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फैज अहमद फैज की नज्म 'हम देखेंगे' पर हुए विवाद के बाद बढ़ी उनकी किताबों की मांग
- Sunday January 12, 2020
- Reported by: IANS
मशहूर पाकिस्तानी शायर फैज अहमद फैज की मशहूर नज्म 'हम देखेंगे' को लेकर छिड़े विवाद ने भले ही साहित्य जगत में उथल-पुथल मचा दी है, लेकिन इससे युवा पीढ़ी के बीच फैज की किताबों की मांग बढ़ गई है. छात्र और युवा पेशेवरों के बीच फैज की जीवनी और नज्मों को बढ़ने को लेकर खासा उत्साह है और पुस्तक विक्रेता फैज की किताबों की सप्लाई के ऑर्डर कर रहे हैं.
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- Thursday January 2, 2020
- Written by: अर्चित गुप्ता
मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmad Faiz) की कविता 'हम देखेंगे (Hum Dekhenge) लाजिम है कि हम भी देखेंगे' को लेकर बढ़ते विवाद के बाद आईआईटी कानपुर ने एक समिति कठित की है जो यह तय करेगी कि फैज की नज्म हिंदू विरोधी है या नहीं. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के छात्रों ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के छात्रों के समर्थन में परिसर में 17 दिसंबर को फैज की ये नज्म गाई थी जिसको फैकल्टी के सदस्यों ने 'हिंदू विरोधी' बताया था.
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