India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: नवीन कुमार |सोमवार दिसम्बर 14, 2020 07:58 PM IST ग्रीनस्टोन और उनके साथी रॉबिन बर्गेस (लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस), निकोलस रयान (येल यूनिवर्सिटी), और अनंत सुदर्शन (शिकागो यूनिवर्सिटी) वर्तमान प्रणाली में बदलाव की बात करते हैं. उनका सुझाव है बिजली का सब्सिडी सीधे गरीबों के खाते में दी जाए, इससे बिजली के बाजार को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. स्मार्ट मीटर को बढ़ावा दिया जाए और बिजली चोरी को भी अपराध की श्रेणी में लाया जाए .