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Education Departments Letter

'Education Departments Letter' - 5 News Result(s)
  • ...तो झालावाड़ हादसे में बच सकती थी 7 मासूमों की जान, शिक्षा विभाग की चिट्ठी ने उठाए सवाल

    ...तो झालावाड़ हादसे में बच सकती थी 7 मासूमों की जान, शिक्षा विभाग की चिट्ठी ने उठाए सवाल

    राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना इलाके के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिरने से दर्दनाक हादसा में अब तक 7 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 27 बच्चे घायल हैं.

  • रात में 11 बजे टॉयलेट जाने पर छात्र को मिली ऐसी सजा, सुनकर खड़े हो जाएंगे कान, बोर्डिंग स्कूल से सामने आया चौंकाने वाला मामला

    रात में 11 बजे टॉयलेट जाने पर छात्र को मिली ऐसी सजा, सुनकर खड़े हो जाएंगे कान, बोर्डिंग स्कूल से सामने आया चौंकाने वाला मामला

    चीन के एक बोर्डिंग स्कूल से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां एक छात्र को इस लिए सजा दी गई, क्योंकि वह रात में 10.45 के बाद टॉयलेट चला गया.

  • बिहार में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी! नवनियुक्त एक लाख से अधिक शिक्षकों का फिर से होगा सत्यापन

    बिहार में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी! नवनियुक्त एक लाख से अधिक शिक्षकों का फिर से होगा सत्यापन

    पत्र में कहा गया, ‘‘पुनः सत्यापन अभियान के दौरान सभी चयनित अभ्यर्थियों के आधार कार्ड के पुराने रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी. अक्सर देखा गया है कि धोखेबाज पकड़े जाने से बचने के लिए आधार कार्ड में बदलाव करवा लेते हैं.’’

  • खुशखबरी! बिहार के एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को CM नीतीश ने दिए नियुक्ति पत्र

    खुशखबरी! बिहार के एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को CM नीतीश ने दिए नियुक्ति पत्र

    CM नीतीश कुमार ने कहा कि आज हम राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर 1,20,336 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे हैं. अब शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों के लिए एक लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा और पूरी प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूर्ण हो जाएगी.

  • बिहार के नियोजित शिक्षकों के नाम रवीश कुमार का पत्र

    बिहार के नियोजित शिक्षकों के नाम रवीश कुमार का पत्र

    अब मैं जो उन्हें कहना चाहता हूं, उन्हें ध्यान से सुनना चाहिए. उन्हें देखना चाहिए कि इस मुद्दे को लेकर नैतिक बल और आत्म बल है या नहीं. गांधी को पढ़ना चाहिए. अगर उन्हें लगता है कि उनका मुद्दा सही है. नैतिकता के पैमाने पर सही है तो उन्हें सत्याग्रह का रास्ता चुनना चाहिए. बार-बार बताने की ज़रूरत नहीं है कि वे साढ़े तीन लाख से अधिक हैं. अगर हैं तो इनमें से एक-एक को गांधी मैदान में जमा हो जाना चाहिए और सत्याग्रह करना चाहिए. सत्याग्रह क्या है, इसके बारे में अध्ययन करना चाहिए. पांच हज़ार की रैली को नेता दिन भर ट्विट करते रहते हैं कि जन-सैलाब उमड़ गया है. सोचिए, अगर आपने लाखों की संख्या में जमा होकर सत्याग्रह कर दिया तो क्या होगा. यह फ़ैसला तभी करें जब सभी साढ़े तीन लाख शिक्षक सत्याग्रह के लिए तैयार हों. सत्याग्रह के लिए तभी तैयार हों जब उन्हें लगे कि उनके साथ अन्याय हुआ है. यह ध्यान में रखें कि उनकी बात को सुप्रीम कोर्ट ने सुना है. कमेटी बनवाई है. राज्य सरकार की कमेटी को भी शिक्षकों के साथ बात करनी पड़ी है. तो उनके पक्ष के बारे में भी सोचें और फिर भी लगता है कि यह ग़लत हुआ है तो मुझे मेसेज न करें. किसी मीडिया को मेसेज न करें. बल्कि मैंने तो कहा है कि आप टीवी देखना बंद कीजिए. अख़बार पढ़ना बंद कीजिए. आपने अपने केस में देख लिया कि जब आप परेशान हुए तो इनके छापने और नहीं छापने से आपकी समस्या पर कोई फर्क नहीं पड़ा. इसलिए फर्क नहीं पड़ता है कि क्योंकि आपमें नैतिक बल और आत्मबल नहीं है.

'Education Departments Letter' - 5 News Result(s)
  • ...तो झालावाड़ हादसे में बच सकती थी 7 मासूमों की जान, शिक्षा विभाग की चिट्ठी ने उठाए सवाल

    ...तो झालावाड़ हादसे में बच सकती थी 7 मासूमों की जान, शिक्षा विभाग की चिट्ठी ने उठाए सवाल

    राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना इलाके के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की जर्जर बिल्डिंग गिरने से दर्दनाक हादसा में अब तक 7 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 27 बच्चे घायल हैं.

  • रात में 11 बजे टॉयलेट जाने पर छात्र को मिली ऐसी सजा, सुनकर खड़े हो जाएंगे कान, बोर्डिंग स्कूल से सामने आया चौंकाने वाला मामला

    रात में 11 बजे टॉयलेट जाने पर छात्र को मिली ऐसी सजा, सुनकर खड़े हो जाएंगे कान, बोर्डिंग स्कूल से सामने आया चौंकाने वाला मामला

    चीन के एक बोर्डिंग स्कूल से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, यहां एक छात्र को इस लिए सजा दी गई, क्योंकि वह रात में 10.45 के बाद टॉयलेट चला गया.

  • बिहार में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी! नवनियुक्त एक लाख से अधिक शिक्षकों का फिर से होगा सत्यापन

    बिहार में शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी! नवनियुक्त एक लाख से अधिक शिक्षकों का फिर से होगा सत्यापन

    पत्र में कहा गया, ‘‘पुनः सत्यापन अभियान के दौरान सभी चयनित अभ्यर्थियों के आधार कार्ड के पुराने रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी. अक्सर देखा गया है कि धोखेबाज पकड़े जाने से बचने के लिए आधार कार्ड में बदलाव करवा लेते हैं.’’

  • खुशखबरी! बिहार के एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को CM नीतीश ने दिए नियुक्ति पत्र

    खुशखबरी! बिहार के एक लाख 20 हजार से अधिक शिक्षकों को CM नीतीश ने दिए नियुक्ति पत्र

    CM नीतीश कुमार ने कहा कि आज हम राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर 1,20,336 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान कर रहे हैं. अब शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों के लिए एक लाख से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू करेगा और पूरी प्रक्रिया दो महीने के भीतर पूर्ण हो जाएगी.

  • बिहार के नियोजित शिक्षकों के नाम रवीश कुमार का पत्र

    बिहार के नियोजित शिक्षकों के नाम रवीश कुमार का पत्र

    अब मैं जो उन्हें कहना चाहता हूं, उन्हें ध्यान से सुनना चाहिए. उन्हें देखना चाहिए कि इस मुद्दे को लेकर नैतिक बल और आत्म बल है या नहीं. गांधी को पढ़ना चाहिए. अगर उन्हें लगता है कि उनका मुद्दा सही है. नैतिकता के पैमाने पर सही है तो उन्हें सत्याग्रह का रास्ता चुनना चाहिए. बार-बार बताने की ज़रूरत नहीं है कि वे साढ़े तीन लाख से अधिक हैं. अगर हैं तो इनमें से एक-एक को गांधी मैदान में जमा हो जाना चाहिए और सत्याग्रह करना चाहिए. सत्याग्रह क्या है, इसके बारे में अध्ययन करना चाहिए. पांच हज़ार की रैली को नेता दिन भर ट्विट करते रहते हैं कि जन-सैलाब उमड़ गया है. सोचिए, अगर आपने लाखों की संख्या में जमा होकर सत्याग्रह कर दिया तो क्या होगा. यह फ़ैसला तभी करें जब सभी साढ़े तीन लाख शिक्षक सत्याग्रह के लिए तैयार हों. सत्याग्रह के लिए तभी तैयार हों जब उन्हें लगे कि उनके साथ अन्याय हुआ है. यह ध्यान में रखें कि उनकी बात को सुप्रीम कोर्ट ने सुना है. कमेटी बनवाई है. राज्य सरकार की कमेटी को भी शिक्षकों के साथ बात करनी पड़ी है. तो उनके पक्ष के बारे में भी सोचें और फिर भी लगता है कि यह ग़लत हुआ है तो मुझे मेसेज न करें. किसी मीडिया को मेसेज न करें. बल्कि मैंने तो कहा है कि आप टीवी देखना बंद कीजिए. अख़बार पढ़ना बंद कीजिए. आपने अपने केस में देख लिया कि जब आप परेशान हुए तो इनके छापने और नहीं छापने से आपकी समस्या पर कोई फर्क नहीं पड़ा. इसलिए फर्क नहीं पड़ता है कि क्योंकि आपमें नैतिक बल और आत्मबल नहीं है.