Drought In Bundelkhand
- सब
- ख़बरें
- वीडियो
-
क्यों सूख गए चंदेलकालीन तालाब, बांदा के इस गांव ने जल संरक्षण को लेकर पेश की मिसाल
- Saturday June 16, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
केंद्र सरकार ने सूखे से निपटने के लिए मप्र और उप्र के 13 जिलों को बुंदेलखंड पैकेज दिया इसके तहत करीब 7200 करोड़ उप्र और मप्र सरकारों को मिले हैं. इससे मप्र और उप्र में 40000 कुएं, 30000 तालाब और 2.60 लाख हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपड़ और 11 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का दावा किया गया.
- ndtv.in
-
यह पानी की नहीं, प्रचार की रेल है..
- Friday May 6, 2016
- Ravish Kumar
पान की रेल अच्छी पहल है लेकिन अंतिम नहीं। अगर इसे सूखे की समस्या को विस्थापित करने के लिए चलाया गया तो ग़लत होगा। सूखे की समस्या का तमाशा मत बनाइये। पानी की रेल चलाइये लेकिन सिर्फ रेल ही चलती रहे ऐसा भी मत कीजिये।
- ndtv.in
-
सूखे की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश में 7 तरह की मिठाई यानि पांच साल का कर्ज़...
- Friday December 11, 2015
- Edited by: Sreenivasan Jain and Manas Roshan
बुंदेलखंड के किसानों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। एक ओर लगातार तीन सालों से सूखा पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों के परिवार भी हैं जो कि विपरित हालातों में कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं।
- ndtv.in
-
क्यों सूख गए चंदेलकालीन तालाब, बांदा के इस गांव ने जल संरक्षण को लेकर पेश की मिसाल
- Saturday June 16, 2018
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला
केंद्र सरकार ने सूखे से निपटने के लिए मप्र और उप्र के 13 जिलों को बुंदेलखंड पैकेज दिया इसके तहत करीब 7200 करोड़ उप्र और मप्र सरकारों को मिले हैं. इससे मप्र और उप्र में 40000 कुएं, 30000 तालाब और 2.60 लाख हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपड़ और 11 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का दावा किया गया.
- ndtv.in
-
यह पानी की नहीं, प्रचार की रेल है..
- Friday May 6, 2016
- Ravish Kumar
पान की रेल अच्छी पहल है लेकिन अंतिम नहीं। अगर इसे सूखे की समस्या को विस्थापित करने के लिए चलाया गया तो ग़लत होगा। सूखे की समस्या का तमाशा मत बनाइये। पानी की रेल चलाइये लेकिन सिर्फ रेल ही चलती रहे ऐसा भी मत कीजिये।
- ndtv.in
-
सूखे की मार झेल रहे उत्तर प्रदेश में 7 तरह की मिठाई यानि पांच साल का कर्ज़...
- Friday December 11, 2015
- Edited by: Sreenivasan Jain and Manas Roshan
बुंदेलखंड के किसानों की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। एक ओर लगातार तीन सालों से सूखा पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर किसानों के परिवार भी हैं जो कि विपरित हालातों में कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहे हैं।
- ndtv.in