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Dharmendra Kumar On Colours Of Life

'Dharmendra Kumar On Colours Of Life' - 1 News Result(s)
  • मैं और मेरा प्रिय रंग

    मैं और मेरा प्रिय रंग

    रंगों का प्रबल आकर्षण मनुष्य के लिए कितनी सहज परिघटना है. उसकी सौन्दर्यानुभूति का स्थूल प्रकटन रंगों में उसकी रुचि से अभिन्न है. हर रंग एक मनोदशा है. आशा-निराशा, उल्लास-अवसाद, पराक्रम-पराजय, करुणा-क्रूरता, राग-विराग, सबका एक रंग है. प्रेम में होना दरसअल किसी रंग में होना है. घृणा और युयुत्सा में होना भी किसी रंग में होना है. शायद तभी कलाविदों ने अभिव्यक्ति के अभिनय-रूप को रंगमंच कहा होगा.

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  • मैं और मेरा प्रिय रंग

    मैं और मेरा प्रिय रंग

    रंगों का प्रबल आकर्षण मनुष्य के लिए कितनी सहज परिघटना है. उसकी सौन्दर्यानुभूति का स्थूल प्रकटन रंगों में उसकी रुचि से अभिन्न है. हर रंग एक मनोदशा है. आशा-निराशा, उल्लास-अवसाद, पराक्रम-पराजय, करुणा-क्रूरता, राग-विराग, सबका एक रंग है. प्रेम में होना दरसअल किसी रंग में होना है. घृणा और युयुत्सा में होना भी किसी रंग में होना है. शायद तभी कलाविदों ने अभिव्यक्ति के अभिनय-रूप को रंगमंच कहा होगा.