Blog On Happiness
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International Day of Happiness: पॉजिटिव थिंकिंग से किस तरह बढ़ती है हमारी खुशी?
- Thursday March 20, 2025
- अमरेश सौरभ
यह बात ठीक है कि जीवन-यापन के लिए कुछ बुनियादी चीजों की जरूरत सबको होती है, लेकिन जहां तक बात खुश रहने की है, यह एक मानसिक स्थिति ही कही जाएगी. हर हाल में सकारात्मक सोच की आदत डालकर हर कोई अपनी खुशियों में इजाफा कर सकता है.
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जयंती विशेष: बाजार की भीड़ में दबी औरत, साहिर की कलम में जिंदा है
- Saturday March 8, 2025
- सचिन झा शेखर
साहिर अलग थे... बेहद अलग थे...तमाम समकालिन शायरों से अलग थे. उनके विचार इसलिए अलग थे क्योंकि वह सिर्फ खूबसूरत अल्फाज़ नहीं लिखते थे, बल्कि उनमें ज़िंदगी की सच्चाई समेटते थे. उनकी लेखनी में उर्दू की शान और हिंदी की सरलता का ऐसा मेल था कि हर आम और खास तक उनकी बात पहुंचती थी. वह शायर थे, मगर समाज सुधारक की तरह लिखते थे.
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International Day of Happiness: पॉजिटिव थिंकिंग से किस तरह बढ़ती है हमारी खुशी?
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यह बात ठीक है कि जीवन-यापन के लिए कुछ बुनियादी चीजों की जरूरत सबको होती है, लेकिन जहां तक बात खुश रहने की है, यह एक मानसिक स्थिति ही कही जाएगी. हर हाल में सकारात्मक सोच की आदत डालकर हर कोई अपनी खुशियों में इजाफा कर सकता है.
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साहिर अलग थे... बेहद अलग थे...तमाम समकालिन शायरों से अलग थे. उनके विचार इसलिए अलग थे क्योंकि वह सिर्फ खूबसूरत अल्फाज़ नहीं लिखते थे, बल्कि उनमें ज़िंदगी की सच्चाई समेटते थे. उनकी लेखनी में उर्दू की शान और हिंदी की सरलता का ऐसा मेल था कि हर आम और खास तक उनकी बात पहुंचती थी. वह शायर थे, मगर समाज सुधारक की तरह लिखते थे.
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