Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार जनवरी 13, 2022 12:08 AM IST सरकारों ने अपनी तरह से इस पर कंट्रोल किया ताकि प्रोपेगैंडा फैला सकें तो दूसरी ओर धर्म, रंग, जाति के नाम पर सर्वोच्चता की सनक से लैस नफरती तबके ने इस पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया. अब कई उदाहरण हैं जिनसे पता चलता है कि किसी खास समुदाय के खिलाफ हुए नरसंहार में सोशल मीडिया पर चले नफरती अभियान की भी भूमिका थी.