'Rajbhasha Hindi'

- 5 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Blogs | विवेक रस्तोगी |गुरुवार सितम्बर 14, 2023 03:30 PM IST
    भाषा से जुड़ा सबसे बड़ा सच यह है कि कोई भी शख्स आमतौर पर उसी भाषा को आत्मसात कर भली प्रकार प्रयोग कर सकता है, जिसमें वह सोचता है, गुनता है, शब्दों और वाक्यों को बुनता है... अगर वह इंग्लिश में सोचेगा, उसी में विचार करेगा, तो स्वाभाविक रूप से इंग्लिश में ही स्वयं को सरलता और सहजता से अभिव्यक्त कर पाएगा...
  • Career | Written by: अर्चित गुप्ता |शनिवार सितम्बर 14, 2019 12:25 PM IST
    हिंदी दिवस (Hindi Diwas) 14 सितंबर को मनाया जाता है. देश में 14 सितंबर (14 September) 1953 को पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया और उसके बाद से ही हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस (Hindi Diwas) बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाने लगा. हिंदी दिवस के मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन होता है. स्‍कूलों, कॉलेजों और  शैक्षणिक संस्‍थानों में निबंध प्रतिया,  वाद-विवाद प्रतियोगता, कविता पाठ, नाटक, और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है.
  • Career | Written by: अर्चित गुप्ता |शनिवार सितम्बर 14, 2019 12:30 PM IST
    14 सितंबर को देश भर में हिंदी दिवस मनाया जाता है. भारत विभिन्‍न्‍ताओं वाला देश है. यहां हर राज्‍य की अपनी अलग सांस्‍कृतिक, राजनीतिक और ऐतिहासिक पहचान है. यही नहीं सभी जगह की बोली भी अलग है. इसके बावजूद हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है. यही वजह है कि राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हिंदी को जनमानस की भाषा कहा था. उन्‍होंने 1918 में आयोजित हिंदी साहित्‍य सम्‍मेलन में हिंदी को राष्‍ट्र भाषा बनाने के लिए कहा था.  Hindi Diwas 2019 know Why Hindi isn't the national language
  • Career | Archit Gupta |शनिवार सितम्बर 14, 2019 10:13 AM IST
    हिंदी दिवस (Hindi Diwas) हर साल 14 सितंबर (14 September) को मनाया जाता है. हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषा है. हिंदी (Hindi) भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली जाती हिंदी हिन्दी हमारी 'राजभाषा' (Hindi Rajbhasha) है. दुनिया की भाषाओं का इतिहास रखने वाली संस्था एथ्नोलॉग (Ethnologue) के मुताबिक हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली तीसरी भाषा है. हिंदी हमें दुनिया भर में सम्मान दिलाती है.
  • Blogs | विवेक रस्तोगी |सोमवार सितम्बर 14, 2020 09:51 AM IST
    जो बच्चा आज उनतालीस, उनचास, उनसठ, उनत्तर और उनासी के बीच फर्क नहीं समझेगा, उसके लिए आने वाले दिनों में आम देशवासियों से बात करना, और देश के गौरव को समझना क्योंकर मुमकिन होगा... सो, आइए, भाषागत राजनीति में उलझे बिना ऐसे काम करें, जिससे हिन्दी और समृद्ध, और सशक्त हो...
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