'NDTV prime time'

- 41 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Zara Hatke | Written by: बिक्रम कुमार सिंह |बुधवार दिसम्बर 7, 2022 10:20 PM IST
    वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पिता एक वेटर को अपने पास बुलाता है और बोलता है कि मेरी बेटी को तुम क्यूट लगते हो. वेटर आभार व्यक्त करता है, वहीं बेटी की हालत खराब हो जाती है. शर्म से वो टेबल के अंदर घुस जाती है.
  • India | एनडीटीवी |गुरुवार अक्टूबर 20, 2022 03:02 AM IST
    कुछ ख़बरों को देखकर लगता है कि देश बदला है न दिन. सब कुछ जहां था, वहीं रुका हुआ है. क्या हम एक ऐसे समय और समाज में रहने लगे हैं, जहां गृह मंत्री के लिए बोलना इतना भारी पड़ जाएगा, कि उनके मंत्रालय ने 2002 के दंगों से जुड़े बलात्कार और हत्या के 11 सज़ायाफ़्ता क़ैदियों की रिहाई की मंज़ूरी क्यों दी?
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार अक्टूबर 7, 2022 09:46 AM IST
    इतनी बड़ी कंपनी किसे पैसा खिला रही थी, जो खा रहा था, वो ख़ुद खा रहा था या आगे भी किसी को खिला रहा था, उसने और किस-किस से पैसे खाए होंगे, इतने सारे सवाल है कि दिमाग से पहले पेट खाली हो जाए.
  • India | Written by: चंदन वत्स |शुक्रवार जुलाई 29, 2022 12:10 AM IST
    यह खबर कई दिनों से छप रही है लेकिन जब कुछ नहीं हुआ तो छात्र ट्विटर पर कैंपेन चलाने लगे. छात्रों ने ऑडियो के ज़रिए अपनी व्यथा भेजी.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अप्रैल 26, 2022 02:35 PM IST
    जिस बुलडोज़र से आपका बच्चा खेलता है उसी से सत्ता खेल रही है और अब आप खेल रहे हैं. बहुमत को एकतरफा जमा कर गरीबों के घरों और दुकानों पर हमले हो रहे हैं.
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार जनवरी 28, 2022 11:40 PM IST
    रेलवे की भर्ती परीक्षा को लेकर सड़क पर उतरे छात्रों को भी नफरत की हवा का नुकसान उठाना पड़ रहा है. नफरत की राजनीति में सीधे शामिल होने या साथ खड़े होने के कारण नौकरी के इनके आंदोलन को कोई गंभीरता से नहीं लेता है.
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार जनवरी 27, 2022 11:30 PM IST
    क्या चुनावों के समय जाति और समुदाय के नेता ही नाराज़ होते हैं, उन्हें मनाने के नाम पर मंत्रियों की लाइन लगी रहती है लेकिन नौकरी मांग रहे छात्रों को नाराज़ क्यों नहीं माना जाता है, उन्हें मनाने के लिए कोई मंत्री उनके हास्टल या प्रदर्शन में क्यों नहीं जाता है?
  • Blogs | रवीश कुमार |शनिवार जनवरी 15, 2022 12:49 AM IST
    हज़ार दुखों से गुज़र रही भारत की पत्रकारिता का दुख आज हज़ार गुना गहरा लग रहा है. जिस पेश को अपने पसीने से कमाल ख़ान ने सींचा वो अब उनसे वीरान हो गया है. कमाल ख़ान हमारे बीच नहीं हैं. हम देश और दुनिया भर से आ रही श्रद्धांजलियों को भरे मन से स्वीकार कर रहे हैं. आप सबकी संवेदनाएं बता रही हैं कि आपके जीवन में कमाल ख़ान किस तरीके से रचे बचे हुए थे. कमाल साहब की पत्नी रुचि और उनके बेटे अमान इस ग़म से कभी उबर तो नहीं पाएंगे लेकिन जब कभी आपके प्यार और आपकी संवेदनाओं की तरफ उनकी नज़र जाएगी, उन्हें आगे की ज़िंदगी का सफर तय करने का हौसला देगी. उन्हें ग़म से उबरने का सहारा मिलेगा कि कमाल ख़ान ने टीवी की पत्रकारिता को कितनी शिद्दत से सींचा था. एनडीटीवी से तीस साल से जुड़े थे. एक ऐसे काबिल हमसफर साथी को अलविदा कहना थोड़ा थोड़ा ख़ुद को भी अलविदा कहना है. 
  • Blogs | रवीश कुमार |गुरुवार जनवरी 6, 2022 12:03 AM IST
    भारत में महंगाई के सपोर्टर की तरह क्या बेरोज़गारी के भी सपोर्टर हैं? जब भी लाखों की संख्या में नौजवान सरकारी भर्ती की परीक्षा को लेकर बीजेपी से लेकर कांग्रेस की सरकारों के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, उन्हें कोसने वाले आ जाते हैं कि सरकार कितनों को नौकरी देगी, अपना बिजनेस क्यों नहीं करते.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अक्टूबर 26, 2021 09:41 AM IST
    करोड़ों रुपये खर्च कर देश भर में लगे इस होर्डिंग ने जनता को ठीक से समझा दिया था कि टीका मुफ्त लगा है और इसके लिए धन्यवाद मोदी जी कहना है तभी पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने याद दिला दिया कि यह इतना भी मुफ्त नहीं है. पेट्रोल और डीज़ल पर टैक्स इसलिए अधिक है क्योंकि टीका मुफ्त है. अनाज मुफ्त है.
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