रवीश कुमार का प्राइम टाइम : क्या मतदाताओं को अब इनके नाम पर प्रभावित किया जाएगा?

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  • प्रकाशित: अक्टूबर 20, 2022
यह तय करना मुश्किल हो रहा है कि न्याय का मजाक उड़ रहा है या जनता का मज़ाक उड़ रहा है. जनता न्याय का मज़ाक उड़ा रही है या राजनीति ही जनता का. कहीं हत्या और बलात्कार के मामले में सज़ा पाए कैदियों को बाहर आने पर माला पहनाया जा रहा है तो कहीं हत्या और बलात्कार के मामले में सजा पाए कैदी के बाहर आने पर संत्सग सुना जा रहा है.

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