1916 Letter
- सब
- ख़बरें
-
फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर नहीं..., डीजीएचएस ने IMA को लिखा पत्र
- Wednesday September 10, 2025
यह निर्देश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भनुशाली को भेजा गया है. डीजीएचएस ने कहा कि फिजियोथेरेपिस्ट बीमारियों का निदान नहीं कर सकते और न ही प्राथमिक इलाज कर सकते हैं.
-
ndtv.in
-
100 साल बाद सही ठिकाने पर पहुंचा लेटर, देख लोगों के उड़े होश, लिफाफा खुला तो पता चला दिलचस्प इतिहास
- Sunday February 19, 2023
Letter Of 1916: ये लेटर 1916 में लिखा गया है, जो अब जाकर सही पते पर पहुंच सका. 1916 में ये लेटर इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था. इस लेटर को देखकर, उस पते पर अब रहने वाले लोग भी चौंक गए.
-
ndtv.in
-
100 साल बाद अपनी मंजिल पर कई ख़ुफ़िया कहानी के साथ लौटी चिट्ठी, 1916 में विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया खत 2016 में मिला,
- Saturday February 18, 2023
जानकारी के मुताबिक, 1916 में इंग्लैंड के बाथ में एक खत लिखा गया था, जो खो गया. कुछ साल पहले ही पत्र नियत जगह पर पहुंच गया. थिएटर डायरेक्टर फिनले ग्लेन ने बात करते हुए कहा कि इसमें 16 लिखा हुआ था, तो हमें लगा कि ये 2016 का पत्र है. ध्यान से देखने पर पता चला कि ये 1916 का है.
-
ndtv.in
-
फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर नहीं..., डीजीएचएस ने IMA को लिखा पत्र
- Wednesday September 10, 2025
यह निर्देश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भनुशाली को भेजा गया है. डीजीएचएस ने कहा कि फिजियोथेरेपिस्ट बीमारियों का निदान नहीं कर सकते और न ही प्राथमिक इलाज कर सकते हैं.
-
ndtv.in
-
100 साल बाद सही ठिकाने पर पहुंचा लेटर, देख लोगों के उड़े होश, लिफाफा खुला तो पता चला दिलचस्प इतिहास
- Sunday February 19, 2023
Letter Of 1916: ये लेटर 1916 में लिखा गया है, जो अब जाकर सही पते पर पहुंच सका. 1916 में ये लेटर इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था. इस लेटर को देखकर, उस पते पर अब रहने वाले लोग भी चौंक गए.
-
ndtv.in
-
100 साल बाद अपनी मंजिल पर कई ख़ुफ़िया कहानी के साथ लौटी चिट्ठी, 1916 में विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया खत 2016 में मिला,
- Saturday February 18, 2023
जानकारी के मुताबिक, 1916 में इंग्लैंड के बाथ में एक खत लिखा गया था, जो खो गया. कुछ साल पहले ही पत्र नियत जगह पर पहुंच गया. थिएटर डायरेक्टर फिनले ग्लेन ने बात करते हुए कहा कि इसमें 16 लिखा हुआ था, तो हमें लगा कि ये 2016 का पत्र है. ध्यान से देखने पर पता चला कि ये 1916 का है.
-
ndtv.in