
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (फाइल फोटो )
- राजपूत समाज है नाराज
- अजमेर में राजपूतों की संख्या है 2 लाख
- उपचुनावों में बीजेपी के लिए हो सकती है मुश्किल
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जयपुर:
राजस्थान के अजमेर और अलवर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में एक बड़ा मुद्दा फिल्म 'पद्मावत' भी बन गई है. वसुंधरा सरकार की कोशिश है किसी तरह से इस फिल्म की रिलीज पर रोक लग जाए लेकिन अभी तक नाकामी हाथ आई है. उधर राजपूत समाज का लगातार प्रदर्शन कर रहा है. राजपूत समाज राज्य सरकार से गैंगेस्टर आनंदपाल सिंह के एन्काउंटर से भी नाराज है. वो काफी दिनों से इस मुठभेड़ की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं यह चुनाव वसुंधरा राजे और सचिन पायलट के लिए नाक की लड़ाई बन चुका है. सीएम वसुंधरा को यह साबित करना है कि उनकी पकड़ अभी बरकरार है तो पिछले चुनाव में हार का स्वाद चख चुके सचिन पायलट के लिए हर हाल में जीत जरूरी है. माना जा रहा है कि फिल्म पद्मावती की वजह से यहां समीकरण बदले से नजर आ रहे हैं.
राजस्थान की महिलाओं की चेतावनी, 'पद्मावत' पर रोक लगाओ नहीं तो करेंगी जौहर
ये उपचुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि राजस्थान में दस महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अजमेर लोकसभा का उपचुनाव मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. अजमेर में करीब साढ़े अठारह लाख मतदाता है जिसमें से २ लाख करीब राजपूत हैं. इस सीट पर बीजेपी ने संवरलाल जाट के बेटे को टिकट दिया है. संवरलाल जाट के निधन से ही यह सीट खाली हुई थी. कांग्रेस यहां पर वसुंधरा राजे सरकार के चार सालों के कामकाज का मुद्दा बना रही है. जबकि सचिन पायलट इसी सीट से 2014 का चुनाव हार चुके हैं.
वीडियो : आखिर क्यों हो रहा है 'पद्मावत' का विरोध?
नतीजा कुछ भी हो यह चुनाव इसलिए भी हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि इसमें हिंदी की एक भी फिल्म मुद्दा बनी है. इस सीट के लिए 29 जनवरी को वोट डालेंगे और नतीजे 1 फरवरी को आएंगे.
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नतीजा कुछ भी हो यह चुनाव इसलिए भी हमेशा याद किया जाएगा क्योंकि इसमें हिंदी की एक भी फिल्म मुद्दा बनी है. इस सीट के लिए 29 जनवरी को वोट डालेंगे और नतीजे 1 फरवरी को आएंगे.
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