55 साल के राजनीतिक करियर में कभी चुनाव नहीं हारे हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह

छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह पांच बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं, और तीन बार वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए.

55 साल के राजनीतिक करियर में कभी चुनाव नहीं हारे हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह अपने 50 साल के राजनीतिक जीवन में कभी चुनाव नहीं हारे

शिमला:

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा वरिष्ठ  कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह  की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि वह अपने राजनैतिक जीवन में कभी कोई चुनाव नहीं हारे. छह बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह पांच बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं, और तीन बार वह केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाए गए. डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में उन्हें मई, 2009 में इस्पात मंत्री बनाया गया था, और वह जनवरी, 2011 में लघु एवं मझोले उद्योग मंत्री बना दिए गए. वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1972, 1980 तथा 2009 में लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं.

हिमाचल प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह अर्की विधानसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव, यहां है बीजेपी का 10 सालों से कब्जा

23 जून, 1934 को जन्मे वीरभद्र सिंह 1983 से 1990, 1993 से 1998 तथा 2003 से 2007 तक कुल मिलाकर छह बार - 1983, 1985, 1993, 1998, 2003, 2012 - हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं, और कुल मिलाकर आठ बार - 1983, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2007, 2012 - विधानसभा चुनाव जीते हैं.

हिमाचल चुनाव : अपनी सीट छोड़ दूसरी सीट से क्यों चुनाव लड़ रहे हैं वीरभद्र और धूमल?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

22 मई, 2009 में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया, और इस्पात मंत्रालय सौंपा गया. उससे पहले वीरभद्र सिंह 1976 से 1977 तक इंदिरा गांधी की केंद्र सरकार में नागरिक उड्डयन तथा पर्यटन राज्यमंत्री थे, तथा उसके बाद 1982 से 1983 के बीच इंदिरा की ही सरकार में वह उद्योग राज्यमंत्री भी रहे हैं.

वीडियो : क्या अकेले पड़ गए वीरभद्र सिंह
पिछले लम्बे अरसे से भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे वीरभद्र सिंह इस बार सोलन दिले की अरकी विधानसभा सीट से मैदान में हैं, जहां उनका मुकाबला बीजेपी के रतन सिंह पाल से है.