उषा ने ग्रामीण महिलाओं को लाइफ स्किल्स एजुकेशन देने के लिए यूएनएफपीए के साथ साझेदारी की
Updated: 26 जनवरी, 2022 09:44 PM
उषा इंटरनेशनल और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए), जिसे पहले जनसंख्या गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र कोष के रूप में जाना जाता था. उसने भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए जीवन कौशल मॉड्यूल विकसित करने के लिए सहयोग किया है.
यूएनएफपीए का टारगेट सिलाई स्कूल की महिला एंटरप्रेन्योर, उषा सिलाई ट्रेनर, उषा प्रोग्राम कॉर्डिनेटर्स और एनजीओ कॉर्डिनेटर्स से मिलकर 100 मास्टर ट्रेनर्स को विकसित करना है.
ये मास्टर ट्रेनर 3 साल में सिलाई स्कूल टीचर्स को लाइफ स्किल्स के बारे में प्रशिक्षित करेंगे. इसका सीधा फायदा तमाम महिलाओं को मिलेगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा व सशक्त बनेंगी.
लाइफ स्किल्स से लैस महिलाएं अपनी सामाजिक गतिशीलता का प्रबंधन करने में सक्षम होती हैं. इससे उनका आर्थिक पहलू सुविधाजनक होता है और वे स्वस्थ जीवन जीती हैं.
उषा सोशल सर्विसेज की उपाध्यक्ष मैरी रूपा टेटे के अनुसार, लाइफ स्किल्स इंडिविजुअलस को परिवर्तनों के अनुकूल होने में मदद करता है. साथ ही विभिन्न चुनौतियों को फेस करने में भी मदद करता है जिनका वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में सामना कर रहे हैं.
टेटे ने आगे कहा कि पाठ्यक्रम ने उन्हें खुद को समझने में हेल्प की है. उन्होंने कहा वह अपने काम को बेहतर तरीके से ऑर्गेनाइज करने में सक्षम हो रही हैं. परिवार और बिजनेस दोनों को बैलेंस करते हुए वह घर के पुरुष सदस्यों और बाहर के वेंडर से व्यवहार करने का तरीका सीख रही हैं. वे उन स्थितियों को संभालने में सक्षम हैं, जहां उन्हें अपने परिवार या कम्यूनिटी से कम समर्थन मिलता है. उन्होंने कहा कि वे बातचीत में भी बेहतर हो रही हैं, कच्चे माल की खरीद और क्वालिटी प्रोडक्ट्स को बेचते समय बेहतर कीमत चाहती हैं.
पटना, बिहार में, सिलाई हीरो श्वेता सुदर्शन ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए लाइफ स्किल्स लेने के लिए उषा और यूएनएफपीए की संयुक्त पहल का चेहरा है.
उन्हें साल 2017 में उषा सिलाई स्कूल प्रोग्राम के बारे में पता चला और उन्होंने ट्रेनिंग में भाग लिया. वह एक मास्टर ट्रेनर बन गईं और उसने अपने पास के स्लम क्षेत्र की लड़कियों को अपने सिलाई स्कूल में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया.
स्वेता का कहना है कि देश भर में उन्हें ट्रैवल के दौरान एक्सपोजर मिला, जिसने वास्तव में मदद की. इसने उन्हें लीक से हटकर सोचने और इनोवेटिव बनने की इंस्पिरेशन दी.