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2018 में इन स्टार्ट-अप्स ने हासिल किया 'यूनिकॉर्न' का खिताब

साल 2018 में कई स्टार्ट-अप का उदय हुआ तो कई ने अपने बिजनेस में काफी विस्तार किया. बॉडी नैसकॉम के मुताबिक इस साल आठ स्टार्ट-अप्स जिसमें हॉस्पिटैलिटी चेन ओयो रूम्स से लेकर फूड डिलीवरी सर्विसेज स्विगी और जोमाटो तक ने कम से कम 1 बिलियन डॉलर का वैल्युएशन हासिल किया. स्टार्ट-अप के अलावा (सितंबर तक लगभग 1200) इस साल इसके जरिए लगभग 40,000 नौकरियां पैदा हुईं. नैसकॉम के मुताबिक 7200-7500 फर्मों में कुल नौकरियों की संख्या बढ़कर 1.6 से 1.7 लाख हो गई. यूनिकॉर्न वो कंपनियां हैं जिनका स्टॉक मार्केट्स में एंट्री किए बिना कम से कम 1 बिलियन का वैल्यूएशन होता है. यहां कुछ ऐसे स्टार्ट-अप हैं जिन्होंने साल 2018 में यूनिकॉर्न का खिताब हासिल किया.

  • साल 2013 में शुरू हुई ओयो रूम्स गुरुग्राम स्थित एक हॉस्पिटैलिटी कंपनी है. ओयो रूम्स को सितंबर 2018 में निवेशकों के एक संघ से 1 बिलियन की फंडिंग प्राप्त हुई. कंपनी की अनुमानित पूंजी 5 बिलियन की है.
  • गुड़गांव स्थित ज़ोमैटो एक खाद्य वितरण और रेस्त्रां सर्च प्रोगाम है. 2008 में कंपनी की स्थापना के बाद से इसका व्यापार 600 मिलियन से ज्यादा बढ़ा है.
  • बेंगलुरु स्थित स्विगी ने 2014 में शुरुआत की और उसके बाद अब तक कुल 1.26 बिलियन डॉलर (लगभग 8,800 करोड़ रुपये) जुटाए है.
  • बायजू बेंगलुरु में स्थित एक ऑनलाइन ट्यूशन प्लेटफॉर्म है. आज कंपनी की वैल्यू बढ़कर 26 हजार करोड़ रुपए के आसपास पहुंच गई है.
  • चेन्नई आधारित फ्रेशवर्क्स एक व्यवसायिक सॉफ्टवेयर कंपनी है.
  • नैसकॉम के मुताबिक 2018 में वैल्यूएशन के मामले में 1 बिलियन क्लब में शामिल होने वाले अन्य स्टार्ट-अप्स में रिटेलर मार्केटप्लेस उड़ान, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पेटीएम मॉल और ऑनलाइन इंश्योरेंस कंपनी पॉलिसीबाजार थे.
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