Sridevi: अपने चाहने वालों को 'सदमा' देकर 'चांदनी' हुई मौन
करीब पांच दशक तक अपने दमदार अभिनय, बोलती आंखों, शोख मुस्कान और दिलकश अदाओं से सिने प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाली दिग्गज अभिनेत्री श्रीदेवी का दुबई में बीती रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया.
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वास्तविक जीवन में बेहद शर्मीले स्वभाव की श्रीदेवी कैमरे के सामने आते ही जीवंत हो उठती थीं. उन्होंने कई यादगार भूमिकाएं कीं. अपने नृत्य की थाप पर लोगों को थिरकने के लिये मजबूर कर देने वाली श्रीदेवी को उनके प्रशंसक 'मिस हवा हवाई' और 'चांदनी' के नाम से भी याद करते हैं.
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बॉलीवुड में उन्होंने वर्ष 1975 में हिट फिल्म 'जूली' में बाल कलाकार के तौर पर अपने अभिनय की शुरुआत की थी लेकिन दक्षिण भारतीय फिल्मों में भी उन्होंने अपना अभिनय जारी रखा और '16 वायातिनीले', 'सिगप्पू राजाक्कल', 'मींदम कोकिल' और 'मूंद्रम पिराई' जैसी फिल्में कीं.
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'हिम्मतवाला' के बाद श्रीदेवी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और नायक प्रधान फिल्मों के दौर में उन्होंने 'मवाली' (1983), 'तोहफा' (1984), 'मिस्टर इंडिया' (1987), 'चांदनी' (1989), 'चालबाज' (1989), 'लम्हे' (1991) और 'गुमराह' (1993) जैसी फिल्में दीं. बॉक्स ऑफिस पर हिट कहलाने वाली इन फिल्मों के बीच उनकी फिल्म 'सदमा' एक अलग पहचान रखती है. यह फिल्म 1983 में आई थी.
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फिल्म 'सदमा' वर्ष 1982 में आयी तमिल फिल्म 'मूंद्रम पिराई' का रीमेक थी. फिल्म का क्लाइमेक्स दृश्य दिल को झकझोर देने वाला था. फिल्म के गीत 'ऐ जिंदगी गले लगा ले' में इसकी पूरी कहानी का निचोड़ था, जो जिंदगी की अनिश्चितता को बयां करता है. इसी फिल्म की लोरी 'सुरमई अंखियों में' आज भी लोगों की पसंदीदा है.