EnABle India विकलांग लोगों को रोजगार दिलाने में कर रहा है मदद
EnABle India की स्थापना 1999 में हुई थी. एनजीओ इनेबल इंडिया ने लगभग 72,500 से अधिक विकलांग लोगों को नौकरी पाने में मदद की है.
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जनसंख्या जनगणना साल 2011 के अनुसार, भारत में रोजगार योग्य आयु वर्ग में 1.34 करोड़ से अधिक विकलांग व्यक्ति हैं. इसमें से लगभग 99 लाख या लगभग 73.8 प्रतिशत मार्जिनल श्रमिक या रोजगार से बाहर हैं. आर्थिक स्वतंत्रता और विकलांग लोगों के लिए काम करने के उद्देश्य से और इस गैप को खत्म करने के लिए शांति राघवन और उनके पति दीपेश सुतारिया ने 1999 में एक नॉन-प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन EnABle India की स्थापना की थी.
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EnABle India न केवल विकलांग व्यक्तियों के कौशल को बढ़ाता है बल्कि परिवार के सदस्यों, शिक्षकों, नियोक्ताओं और स्थानीय सरकारों जैसे अन्य हितधारकों को उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाने में मदद करने के लिए तैयार करता है. वे बहुत सारे वर्कशॉप और डेमो क्लास भी लेते हैं जिनमें स्पेशल टेक्नोलॉजी और इनोवेटिव टेक को चलना सिखाया जाता है जो किसी भी विकलांग के दिनचर्या हेतु काम आ सकते हैं.
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EnABle India विकलांग लोगों को सम्मान के साथ जीने और समाज में दूसरों के बीच एक जैसा महसूस कराने के लिए काम रहा है. संगठन ने भारत के 28 राज्यों में 350 से अधिक स्थानों पर 72,500 से अधिक विकलांग लोगों को नौकरी पाने और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने में मदद की है. एनजीओ ने विकलांग लोगों को प्लेसमेंट देने के लिए 27 देशों में 1,050 स्थानों पर 725 कंपनियों और 229 साझेदार संगठनों के साथ सहयोग किया है.
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EnABle India के संस्थापक श्री सुतारिया का कहना है कि भारत प्रतिभाशाली विकलांगों के एक बहुत बड़े और अनछुए सतह पर है जो देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3-4 प्रतिशत कार्य क्षेत्र में विकलांग व्यक्तियों को शामिल नहीं करने से रह गया है.
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EnABle India अपनी वेबसाइट, सोशल मीडिया, स्थानीय सरकारों, अन्य गैर सरकारी संगठनों या सीधे उनके कार्यालय के माध्यम से लोगों से जुड़ना है. वे छात्रों तक भी पहुंचते हैं, जो जल्द ही नौकरी की तलाश में हैं, ताकि उन्हें करियर परामर्श दिया जा सके और उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार प्रशिक्षित किया जा सके.