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Independence Day Special: एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन 9 के फिनाले में मिलें पद्म पुरस्कार विजेताओं से

एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन 9 के ग्रैंड फिनाले के लिए हेल्‍थ एक्‍सपर्ट का एक पैनल हमारे साथ जुड़ा. जानिए इस पैनल के बारे में.

  • इस स्वतंत्रता दिवस पर, भारत के पद्मश्री पुरस्कार विजेता डॉक्टर एनडीटीवी-डेटॉल बनेगा स्वस्थ इंडिया सीजन 9 के ग्रैंड फिनाले में कैपेंन के एम्बेसडर अमिताभ बच्चन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया समेत हमारे साथ शामिल हुए.
  • डॉ. रवि कन्नन: रवि एक सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट हैं, जिन्होंने चेन्नई में फेमस कैंसर इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआईए) में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी और सिलचर की बराक घाटी में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए असम आ गए.
  • असम में, डॉ. कन्नन कछार कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर चलाते हैं, जहां वह कैंसर रोगियों का फ्री में इलाज करते हैं. डॉ. कन्नन अब तक 70,000 से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज कर चुके हैं. चिकित्सा के क्षेत्र में उनके कामों के लिए उन्हें 2020 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
  • डॉ. धनंजय दिवाकर सागदेव: महाराष्ट्र के नागपुर में जन्मे डॉ. धनंजय दिवाकर सागदेव एक हेमेटोलॉजिस्ट हैं. वह पिछले चार दशकों से केरल के वायनाड के आदिवासियों की सेवा कर रहे हैं. वह वायनाड के आदिवासियों में सिकल सेल एनीमिया की खोज करने वाले पहले व्यक्ति थे. डॉ. सागदेव के जीवन का आदर्श वाक्य है 'मानव सेवा ही माधव सेवा है'.
  • डॉ. दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी: डॉ. दुव्वुर को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपी में नवाचारों के लिए दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है. डॉ. रेड्डी की क्‍लीनिकल और बेसिक रिसर्च इंटरेंस्‍ट का मुख्य क्षेत्र जी.आई. एंडोस्कोपी रहा है.
  • डॉ. रेड्डी ने हैदराबाद में एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एक टर्शरी केयर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एक्‍सपर्ट हॉस्पिटल की स्थापना की. डॉ. रेड्डी को 1995 में भारतीय चिकित्सा परिषद से बी सी रॉय अवॉर्ड मिला.
  • डॉ. वीरास्वामी शेषैया: चेन्नई में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. शेषैया भारत के पहले डायबिटिक पैथोलॉजिस्ट हैं. उन्हें भारत में प्रेगनेंसी डायबिटीज के भीष्म पितामह के रूप में जाना जाता है. उन्होंने जेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस (जीडीएम) के निदान के लिए 'सिंगल टेस्‍ट प्रोसीजर' की शुरुआत की.
  • जीडीएम गर्भावस्था के 28वें सप्ताह में या उसके बाद (स्टिलबर्थ) गर्भ में शिशुओं के मरने का जोखिम पैदा करता है. डॉ. शेषैया को चिकित्सा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म श्री 2022 से सम्मानित किया गया.
  • डॉ. प्रवीण चंद्रा, एक अग्रणी भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ: गुड़गांव के एक प्रमुख भारतीय हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. चंद्रा को देश में एंजियोप्लास्टी के क्षेत्र में अग्रणी लोगों में से एक माना जाता है. भारत में पहली बार, उन्होंने बिना सर्जरी के परक्यूटेनियस एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन किया, उन्होंने पहली बार परक्यूटेनियस माइट्रल वाल्व को रिपेयर भी किया.
  • दुनिया में सबसे अधिक वाल्वुलर मामलों वाले हमारे देश में दोनों का महत्वपूर्ण प्रभाव है. स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी सफलता और योगदान के लिए, डॉ. चंद्रा को 2016 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
  • डॉ. नीलम क्लेर: 1,000 ग्राम से कम वजन वाले समय से पहले जन्मे बच्चों के जीवित रहने की संभावना में सुधार के लिए जानी जाने वाली डॉ. क्लेर की एक मेडिकल छात्रा के रूप में दम घुटने वाले बच्चे को पुनर्जीवित करने की पहली असफल कोशिश ने उन्हें यह निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया कि वह बच्चों को बचाना चाहती हैं और नियोनेटोलॉजिस्ट के रूप में डॉक्टर बनना चाहती हैं.
  • प्रख्यात नवजात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम क्लेर को चिकित्सा और नवजात विज्ञान के क्षेत्र में उनकी सेवाओं के लिए 2014 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था.
  • डॉ. इंदिरा चक्रवर्ती: प्रोफेसर डॉ. इंदिरा चक्रवर्ती एक इंडियन पब्लिक हेल्‍थ स्‍पेशलिस्‍ट, विद्वान और पर्यावरणविद् हैं. सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2014 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था.
  • वह पोषण, WASH (जल, स्वच्छता और स्वच्छता), खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण प्रदूषण, मानव संसाधन विकास आदि सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य के कई क्षेत्रों में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं. वह कई संयुक्त राष्ट्र और WHO जैसी अन्य एजेंसियों जैसे एफएओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, विश्व बैंक, आईडीआरसी, सीआईडीए आदि पूरे एशिया, अफ्रीका, यूरोप आदि में कई देशों की सलाहकार रही हैं.
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