दुर्गा पूजा के इन पंडालों में मां की मूर्तियां है आकर्षण का केंद्र
Updated: 15 अक्टूबर, 2018 03:40 PM
दुर्गा पूजा खासतौर से बंगाल, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, झारखंड और बिहार में धूमधाम से मनाई जाती है. इन राज्यों में शरद नवरात्रि में षष्ठी से लेकर दशमी तक दुर्गा उत्सव मनाया जाता है. यहां दुर्गा उत्सव को अकालबोधन, शदियो पूजो, शरदोत्सब भी कहा जाता है. दुर्गा उत्सव के दौरान भव्य पंडाल बनाकर उनमें मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है. आइए नजर डालते हैं कुछ प्रसिद्ध पंडालों पर.
बागबाजार सार्वजनिक दुर्गोत्सव का उद्घाटन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने किया.
बालीगंज दुर्गापूजा का रंग देखते ही बन रहा है.
बोसेपुकुर दुर्गा पूजा में शक्ति की प्रतिक मां की प्रतिमा हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है.
माणिकटल्ला चल्टाबागन लोहपट्टी दुर्गा पूजा कोलकाता, भारत में एक दुर्गा पूजा उत्सव है.
चेतला में मां की प्रतिमा को काले रंग से सजाया गया है.
चोरा बगान की दुर्गा पूजा में सफेद और लाल रंग में रंगी मां की प्रतिमा से किसी की नजर नहीं हट रही है.
कोलकाता के एकदलीय एवरग्रीन क्लब के पंडाल की खासियत यहां की दुर्गा की मूर्ति और झूमर है.
हैती बागान में मां की ये शांत प्रतिमा अपने भक्तों की अपनी शक्ति का साफ परिचय दे रही है.
गोल्डन रंग में रंगी हजारा पार्क की मां दुर्गा की मूर्ति बेहद खूबसूरत है.
लाल रंग की साड़ी से सजी मां दुर्गा की जगत मुखर्जी पार्क की इस मूर्ति के दर्शन करने बहुत लोग पहुंच रहे हैं.
काशी बोस लेन में भी दुर्गा पूजा के मौके पर मां की शक्ति का इस मूर्ति के जरिए खूबसूरत परिचय दिया गया है.
सलेमपुर स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में मां का से सिम्पल रूप बेहद खूबसूरत है.
सिंघी पार्क में मां के इन रूपों का दर्शन करने लोग पहुंच रहे हैं.
मशहूर सुरुचि संघ के पूजा मंडप में मां दुर्गा का ये रूप बेहद प्यारा है.
शारदीय नवरात्र की शक्ति पूजा को अकाल बोधन दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है.
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