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This Article is From Jan 06, 2024

"तेलंगाना सरकार के अंतर्गत..." फॉर्मूला ई ने रद्द की हैदराबाद में होने वाली रेस, सरकार पर लगाया ये आरोप

फॉर्मूला ई ने नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) पर अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाया है. यह विभाग तेलंगाना सरकार के अंतर्गत आते हैं.

"तेलंगाना सरकार के अंतर्गत..." फॉर्मूला ई ने रद्द की हैदराबाद में होने वाली रेस, सरकार पर लगाया ये आरोप
Formula E: फॉर्मूला ई ने रद्द की हैदराबाद में होने वाली रेस

Formula E announced the cancellation of the Hyderabad E-Prix: फॉर्मूला ई ने तेलंगाना की नई सरकार पर अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हैदराबाद में होने वाली रेस को रद्द कर दिया है. भारत में होने वाली इस दूसरी फॉर्मूला ई रेस का आयोजन 10 फरवरी को होना था. फॉर्मूला ई ने नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) पर अनुबंध के उल्लंघन का आरोप लगाया है. यह विभाग तेलंगाना सरकार के अंतर्गत आते हैं.

फॉर्मूला ई ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा,"तेलंगाना सरकार के अंतर्गत आने वाले नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास विभाग (एमएयूडी) ने 30 अक्टूबर 2023 को मेजबान शहर के साथ किए गए अनुबंध का पालन नहीं किया जिसके कारण यह रेस रद्द कर दी गई."

देश ने पहली इलेक्ट्रिक रेस का आयोजन पिछले साल फरवरी में किया गया था. उस समय तेलंगाना के तत्कालीन मंत्री केटी रामा राव ने हैदराबाद में इस रेस के आयोजन में अहम भूमिका निभाई थी. उनकी पार्टी को हालांकि दिसंबर में राज्य में हुए चुनाव में कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था. नई सरकार ने इस रेस के आयोजन में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई.

बयान में कहा गया है,"फॉर्मूला ई ऑपरेशंस (एफईओ) के पास एमएयूडी को यह बताने के लिए औपचारिक रूप से नोटिस देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि यह अनुबंध का उल्लंघन है. एफईओ अपनी स्थिति पर विचार कर रहा है कि मेजबान शहर समझौते और कानूनों के तहत वह क्या कदम उठा सकता है. इस संबंध में एफईओ के पास सभी अधिकार सुरक्षित हैं."

फॉर्मूला ई, तेलंगाना सरकार और ग्रीनको के बीच शुरू में चार साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे.] ग्रीनको पहली रेस के बाद इस प्रतियोगिता से हट गया था. हालाँकि, चीजें बदलने के बाद से, रेस का भविष्य अनिश्चितता में डूबा हुआ था और पिछले हफ्ते फॉर्मूला ई ने नई चिंताएँ जताई थीं.

फॉर्मूला ई के सह संस्थापक और मुख्य चैम्पियनशिप अधिकारी अल्बर्टो लोंगो ने कहा,"हम भारत में मोटरस्पोर्ट के प्रशंसकों के लिए बेहद निराश हैं. हम जानते हैं कि आधिकारिक मोटरस्पोर्ट विश्व चैम्पियनशिप रेस की मेजबानी करना हैदराबाद और पूरे देश के लिए कितना महत्वपूर्ण था." शहर में जब पहली बार रेस हुई थी तो इसने लगभग 84 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक प्रभाव डाला था.

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