12000 रुपये की थाली पर मनीष सिसोदिया के जवाब को बीजेपी ने बताया झूठ, पढ़ें क्यों?

12000 रुपये की थाली पर मनीष सिसोदिया के जवाब को बीजेपी ने बताया झूठ, पढ़ें क्यों?

आप सरकार के एक बिल को बीजेपी ने ऐसे ट्वीट किया है.

नई दिल्ली:

दिल्ली में एमसीडी चुनावों के दौरान शुंगलू समिति की रिपोर्ट के सामने आ जाने के बाद से आम आदमी पार्टी को कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में पार्टी को रिपोर्ट के आधार पर मीडिया में हो रहे खुलासों पर सफाई देनी पड़ रही है. ऐसे में एक मुद्दा केटरिंग बिल को लेकर भी उठा है.

बीजेपी ने कुछ केटरिंग बिल मीडिया में जारी कर दावा किया कि अरविंद केजरीवाल ने 11 और 12 फ़रवरी 2016 को अपने घर में पार्टी दी थी, उसमें जो खाना खिलाया गया था वो करीब 12000 रुपये प्रति प्‍लेट का था. ये पार्टी अरविंद केजरीवाल ने अपनी सरकार के एक साल पूरे हो जाने के उपलक्ष्य में दी थी. जो दो दिन के खाने का पूरा बिल है वो है तक़रीबन 11 लाख रुपये का है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी जनता का पैसा बरबाद कर रही है.


इस विवाद पर जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य मनीष सिसोदिया ने एक के बाद एक चार ट्वीट कर कहा कि 13 हज़ार रु. के तथाकथित फूड बिल की फाईल अफसरों ने मंजूरी के लिए एक साल पहले मेरे पास भेजी थी और मैने इसे मंजूरी देने से साफ मना किया था.
 

दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि करीब 6 महीने से यह फाइल LG नजीब जंग के आफिस में मंगवाकर रख ली गई थी. शायद इस चुनाव से पहले आप को बदनाम करने की नीयत से लीक करने के लिए.

 

तीसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि एलजी आफिस के बाबू अफसर जानबूझकर, बीजेपी के इशारे पर, दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए, आधी जानकारी के साथ फाइलें क्यों लीक कर रहे हैं?

 

और चौथे ट्वीट में उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो पूरी फाईल मेरे पेमेंट मना करने की नोटिंग के साथ लीक करो. ये भी बताओ कि 10 महीने पहले मैंने फाईल पर क्या लिखा था.

 


केजरीवाल के इस ट्वीट के दिल्ली दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता ने तेजिंदर सिंह बग्गा ने कहा कि 'झूठ मत बोलिये आप. अगर आपने इजाजत नहीं दी तो बिल कहां से आया, ये कोई सब्जी की दुकान है कि पहले खाना खा लिया फिर रेट तय कर रहे है.

 


इतना ही नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने तो मनीष सिसोदिया को टैग कर कहा कि आप जो बोल रहे हैं वह झूठ है. साथ ही उन्होंने आरोप भी लगाया कि आपने कोई इनक्वायरी का आदेश नहीं दिया था. गुप्ता का दावा है कि मनीष सिसोदिया ने पहले तो जल्दबाजी में फाइल साइन कर दी फिर बाद में विचारकर इसे दो महीने तक दबाए रखा.


 

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