लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान उत्तर प्रदेश की सत्ता में काबिज समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में सिर्फ 5 सीटें ही जीत पाई थी. इनमें बदायूं से धर्मेन्द्र यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, आजमगढ़ से मुलायम सिंह यादव, कन्नौज से डिंपल यादव और मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव चुनाव जीते थे. 'मोदी लहर' के आगे समाजवादी पार्टी की कोई भी रणनीति काम नहीं आई. हालांकि पार्टी 31 सीटों पर दूसरे नंबर रही थी. लेकिन इस बार अखिलेश यादव ने बीजेपी से हार का बदला लेने के लिए दो कदम पीछे हटना भी स्वीकार किया है और राज्य में धुर विरोधी रही बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती के साथ गठबंधन कर लिया. बीएसपी लोकसभा चुनाव में कोई भी सीट नहीं जीत पाई थी. बीएसपी इस चुनाव में करीब 34 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी यानी कुल 65 सीटें ऐसी हैं जहां पर दोनों ही पार्टियां दूसरे नंबर रही हैं.
किन सीटों पर समाजवादी पार्टी थी दूसरे नंबर पर
गोरखपुर, उन्नाव, फूलपुर, पीलीभीत, फैजाबाद, नोएडा, हमीरपुर, बरेली, कैराना, बागपत, बिजनौर, एटा, झांसी, इटावा, गोंडा, अमरोहा, फर्रुखाबाद, बलिया,आंवला, बहराइच,नगीना, मुरादाबाद, श्रावस्ती, कैसरगंज, लालगंज, इलाहाबाद, कौशांबी, बस्ती, गाजीपुर, रामपुर, संभल.
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जिन सीटों पर थी बीएसपी दूसरे नंबर पर
बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर, हाथरस, आगरा, जालौन, अलीगढ़, अकबरपुर, देवरिया, महाराजगंज, शाहजहांपुर, सलेमपुर, मेरठ, मिर्जापुर, रॉबर्ट्सगंज, बांसगांव, फतेहपुर, सुल्तानपुर, फतेहपुर सीकरी, मछलीशहर, प्रतापगढ़, भदोही, चंदौली, जौनपुर, घोसी, मोहनलालगंज, अंबेडकरनगर, धौरहरा, बांदा, खीरी, डुमरियागंज, संतकबीर नगर, मिश्रिख, हरदोई, सीतापुर.
गठबंधन के बाद किसके खाते में कौन सी सीट
सपा : गोरखपुर, गोंडा, कुशीनगर, आजमगढ़, वाराणसी, गाजियाबाद, हाथरस, पीलीभीत, मैनपुरी, एटा, बदायूं, बरेली, हरदोई, खीरी, कन्नौज, बांदा, फूलपुर, इलाहाबाद, कैराना, संभल, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, इटावा, उन्नाव, कौशाम्बी, बाराबंकी, फैजाबाद, बहराइच, महराजगंज, बलिया, चंदौली, मिर्जापुर, राबर्ट्सगंज, कानपुर, लखनऊ और झांसी
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बीएसपी : सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा, फतेहपुर सीकरी, आंवला, शजहांपुर, धौरहरा, सीतापुर, मिश्रिख, मोहनलालगंज, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फरूखाबाद, अकबरपुर, जालौन, हमीरपुर, फतेहपुर, अम्बेडकर नगर, कैशरगंज, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, बांसगांव, लालगंज, घोसी, सलेमपुर, जौनपुर, मछलीशहर, गाजीपुर, भदोही. इसके अलावा दो सीटों को राष्ट्रीय लोकदल के लिए छोड़ी गई हैं जबकि रायबरेली और अमेठी सीट पर सपा-बसपा गठबंधन ने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है.
(आपको बता दें कि इनमें गोरखपुर, फूलपुर और कैराना की सीटें उपचुनाव में बीजेपी हार चुकी है)
किसके साथ जाएंगे निषाद?
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