
World Day For Safety And Health At Work: घर से बाहर निकलकर कर काम करने वाले लोगों की एक ही ख्वाहिश होती है. वो ये कि उन्हें काम करने का हेल्दी माहौल मिले. इसके साथ ही वर्क प्लेस भी साफ सुथरी हो. लेकिन सबकी ये ख्वाहिश पूरी नहीं हो पाती. कभी वर्क प्लेस पर फैसिलिटीज कम लगती हैं. जिनकी वजह से कभी कभी वर्क प्लेस (Work Place Ke Liye Niyam) पर हादसे भी हो जाते हैं. जो इतने खतरनाक होते हैं कि किसी की जान भी जा सकती है. वर्क प्लेस पर होने वाले ये हादसे किसी परिवार के दुख का कारण न बन जाए इसलिए हर साल वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क मनाया जाता है. इस दिन का मकसद है लोगों को ये याद दिलाना कि वर्कप्लेस पर सेफ्टी और हेल्थ (Workers Ki Health Ke Liye Bane Niyam) कितनी इंपॉर्टेंट है. चलिए जानते हैं कि आखिर ये दिन क्यों मनाते हैं. इसकी हिस्ट्री क्या है. इसका इंपॉर्टेंस कितना है और 2025 में इसकी थीम क्या रखी गई है.
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क्यों मनाते हैं World Day For Safety And Health At Work?
जब हम डेली वर्क के लिए बाहर निकलते हैं, तो ये हमारा बेसिक राइट होता है कि वर्कप्लेस सेफ हो. कोई भी इंसान रिस्क लेकर जॉब नहीं करना चाहता. 'World Day For Safety And Health At Work' इसी लिए मनाया जाता है ताकि दुनियाभर की कंपनीज, सरकारें और ऑर्गनाइजेशन्स वर्कप्लेस सेफ्टी को इंप्रूव करें और वर्कर्स की हेल्थ का ध्यान रखें. इस दिन का मेसेज ये होता है कि छोटा सा सेफ्टी चेंज भी किसी वर्कर की लाइफ को बचा सकता है. साथ ही ये दिन उन वर्कर्स को भी याद करता है जो काम के दौरान एक्सिडेंट्स या बीमारियों का शिकार हुए.

World Day For Safety And Health At Work का इतिहास
अगर हिस्ट्री की बात करें, तो इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने 2003 में पहली बार इस दिन को ऑफिशियली सेलिब्रेट करना स्टार्ट किया था. लेकिन 28 अप्रैल को चुनने के पीछे भी एक खास रीजन है.
असल में ये डेट 'International Commemoration Day for Dead and Injured Workers' से कनेक्टेड है, जो ट्रेड यूनियन मूवमेंट ने 1996 में शुरू किया था. ये दिन डेडिकेटेड है उन लाखों वर्कर्स को, जो अपनी जॉब करते वक्त एक्सिडेंट्स या सीरियस हेल्थ इशूज़ के शिकार हुए.
World Day For Safety And Health At Work का महत्व
आजकल जहां टेक्नोलॉजी बहुत फास्ट ग्रो कर रही है. वहीं वर्क स्टाइल भी बदल रहा है. इसलिए सेफ्टी मेजर्स को भी अपडेट करना बहुत जरूरी हो गया है. इस दिन का इंपॉर्टेंस कुछ इस तरह समझा जा सकता है-
- एंप्लॉयीज की लाइफ और हेल्थ को प्रोटेक्ट करना
- कंपनीज को बेहतर सेफ्टी प्रैक्टिसेस अपनाने के लिए मोटिवेट करना
- गवर्नमेंट्स को स्ट्रॉन्ग सेफ्टी लॉज बनाने के लिए अवेयर करना
- वर्कप्लेस को हेल्दी और स्ट्रेस-फ्री बनाना
- फ्यूचर एक्सीडेंट को प्रिवेंट करने के लिए जरूरी स्टेप्स लेना
World Day For Safety And Health At Work 2025 की थीम
हर साल इस दिन के लिए एक थीम डिसाइड होती है, जो करंट सिचुएशन के हिसाब से होती है. 2025 के लिए थीम है:
‘स्वास्थ्य और सुरक्षा में क्रांति: कार्यस्थल पर AI और डिजिटलाइजेशन की भूमिका'
मतलब ये कि आने वाले टाइम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), रोबोटिक्स, वर्चुअल रियलिटी (VR) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी नई टेक्नोलॉजीज वर्कप्लेस को और सेफ और हेल्दी बनाने में मदद करेंगी. जैसे कि स्मार्ट हेलमेट, सेफ्टी सेंसर, ऑटोमेटेड मॉनिटरिंग सिस्टम्स वगैरह फ्यूचर के सेफ्टी टूल्स बनेंगे. ये थीम हमें रेडी करती है कि कैसे टेक्नोलॉजी का सही यूज करके हम वर्कर्स की सेफ्टी और वेलफेयर को और बेहतर बना सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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