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जानिए गर्मियों में क्यों लगती है लू, लक्षण और उससे बचने के आसान आयुर्वेदिक तरीके

Heat Stroke:  गर्मियों में बाहर निकलने से पहले लू की टेंशन होना लाजमी है. लू से बचने के लिए कुछ आसान आयुर्वेदिक नुस्खे आजमाए जान सकते हैं. चलिए जानते हैं वो क्या हैं.

जानिए गर्मियों में क्यों लगती है लू, लक्षण और उससे बचने के आसान आयुर्वेदिक तरीके
चलिए जानते हैं इस लू से कैसे बचा जा सकता है.

Heat Stroke: गर्मियों के दिनों में अपने देश के कई शहरों में टेम्प्रेचर इतना ज्यादा हो जाता है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल होने लगता है. इन दिनों दोपहर के टाइम बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं. इन गर्म हवाओं को ही लू (Heat stroke se Kaisi bachen) कहते हैं. स्ट्रॉन्ग इम्युनिटी (Immunity Badhane Ke Gharelu Tarike) वाले लोग इन गर्म हवाओं को सहन कर लेते हैं लेकिन कई लोग इन्हें टॉलरेट नहीं कर पाते और इनके कॉन्टेक्ट में आते ही बीमार हो जाते हैं. इस वजह से देश में हर साल कई लोग लू की चपेट में आ जाते हैं. चलिए जानते हैं इस लू से कैसे बचा जा सकता है. साथ ही जानते हैं कुछ ऐसे आयुर्वेदिक तरीके जो लू से बचने में मदद करते हैं.

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लू लगने के कारण (Heat stroke causes in hindi)

जब ये गर्म हवाएं आपकी बॉडी के संपर्क में आती हैं तो बॉडी टेम्परेचर बढ़ा देती हैं और इस वजह से कई प्रॉब्लम्स स्टार्ट हो जाती हैं. ज्यादा देर तक तेज धूप में काम करने और बॉडी में पानी की कमी होना लू लगने के खास कारण हैं. बच्चे और ओल्ड एज लोग जल्दी लू की चपेट  में आ जाते हैं. कई केसेस में लोगों को जल्दी पता ही नहीं होता कि उन्हें लू लग गई है. लेकिन इसके सिंप्टम्स देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

लू लगने के लक्षण (Symptoms of Heat stroke in hindi)

  • लू लगने पर हैडेक होना, डिजीनेस आना और ब्रीथिंग में प्रॉब्लम होना जैसे सिंप्टम्स दिखाई देते हैं. शुरुआत में ये सिंप्टम्स माइल्ड होते हैं लेकिन टाइम के साथ ये इंटेन्स हो जाते हैं. लू लगने पर हाई फीवर हो जाता है. बॉडी टेम्परेचर बढ़ने के बावजूद पसीना नहीं आता है.
  • लू लगने पर वॉमिटिंग और बॉडी पेन कॉमन है. वॉमिटिंग की वजह से बॉडी में सोडियम और पोटेशियम का बैलेंस डिस्टर्ब हो जाता है.

लू लगने पर क्या करें

अगर किसी को लू लग जाए तो उसे जितनी जल्दी हो सके किसी शेडेड एरिया या ठंडी जगह पर लिटाएं. बॉडी को कूल डाउन करने के लिए ठंडे पानी से पट्टियां करें. घर की खिड़कियां और दरवाजे खोल दें और कूलर या एसी ऑन कर दें. अगर पेशेंट अनकांशस हो जाए तो तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं.

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लू से बचने के उपाय

हर साल गर्मियों में कई लोग लू से प्रभावित होते हैं लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि अगर आप प्रॉपर केयर करें और कुछ इम्पॉर्टन्ट प्रीकॉशन्स लें तो आप लू से बच सकते हैं. आइए जानें बचाव के कुछ टिप्स.

गर्मियों में लाइट फूड लें

  1. फुल स्लीव कपड़े पहनें और बेयरफुट बाहर ना जाएं
  2. लाइट कलर के कॉटन क्लोथ्स पहनें, सिंथेटिक कपड़े अवॉइड करें
  3. खाली पेट घर से बाहर न निकलें
  4. पानी की ज्यादा क्वांटिटी में पिएं, बाहर निकलें तो वाटर बॉटल साथ रखें
  5. लू से बचने के घरेलू उपाय (Home remedies for heat stroke in Hindi)
  6. अधिकतर केसेस में आप सिंपल होम रेमेडीज से ही लू को मैनेज कर सकते हैं. इसके लिए डाइट में ऐसे ड्रिंक्स जरूर शामिल करें जो शरीर को अंदर से कूल रख सकें.
  7. आम का पना बनाकर पिएं ये एक बेस्ट होम रेमेडी है.
  8. प्याज को भूनकर, जीरा पाउडर और मिश्री के साथ मिक्स कर खाएं
  9. धनिया और पुदीना जूस रेगुलर पिएं
  10. सब्जियों का सूप पिएं
  11. दिन में एक या दो बार नींबू पानी पिएं

लू से बचने के आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic medicine for sunstroke in hindi)

आयुर्वेद कहता है कि गर्मियों में ठंडी तासीर वाली चीजों का यूज करना चाहिए. आइये जानते हैं कुछ बेनिफिशियल आयुर्वेदिक रेमेडीज:

एप्पल साइडर विनेगर:

लू में मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट्स लॉस हो जाते हैं. एप्पल साइडर विनेगर से ये बैलेंस रिस्टोर हो जाता है.

डोज: दो टीस्पून विनेगर को एक ग्लास पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं.

चंदनासव:

ये चंदन और हर्ब्स से बना आयुर्वेदिक ड्रिंक है, जो बॉडी को कूल करता है.

डोज: तीन से चार चम्मच चंदनासव और बराबर मात्रा में वाटर मिलाकर खाने के बाद दो टाइम्स लें.

बेल शरबत:

बेल जूस गर्मियों में अमृत जैसा है.

डोज: रोजाना दो-तीन बार बेल का शरबत पिएं.

गिलोय जूस:

गिलोय इम्यूनिटी बूस्टर है और लू में बुखार को कंट्रोल करता है.

डोज: दो-तीन चम्मच गिलोय रस और बराबर मात्रा में पानी मिलाकर ब्रेकफास्ट से पहले पिएं.

उशीरासव (खस आसव):

  • यह एक आयुर्वेदिक कूलिंग ड्रिंक है जो बॉडी हीट और जलन को कम करता है.
  • डोज: तीन-चार चम्मच उशीरासव में पानी मिलाकर पिएं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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