Travel: अक्सर ही महिलाओं को यह कहते सुना जाता है कि जब शादी नहीं हुई थी तो वे यहां घूमा करती थीं, वहां जाया करती थीं और अपनी जिंदगी को एंजॉय करती थीं. लेकिन, शादी और बच्चों के बाद हर ट्रिप या तो परिवार के साथ होती है या फिर सिर्फ पति के साथ. लेकिन, जितना अविवाहित महिलाओं के लिए अकेले घूमना-फिरना फायदेमंद होता है उससे कही ज्यादा विवाहित औरतें सोलो ट्रेवलिंग (Solo Travelling) का फायदा उठा सकती हैं. असल में सोलो ट्रेवलिंग से ना सिर्फ आप अपने लिए अलग समय निकाल पाती हैं बल्कि इससे आपका कोंफिडेंस बढ़ता है और आपकी मेंटल हेल्थ भी बेहतर रह सकती है. यहां जानिए शादी और बच्चे हो जाने के बाद अकेले ट्रेवल करना महिलाओं के लिए किस-किस तरह से फायदेमंद होता है और क्यों महिलाओं को सोलो ट्रेवल करना चाहिए.
शादी के बाद महिलाओं के लिए सोलो ट्रेवल के फायदे
मिलता है स्पेसअक्सर ही पुरुषों को यह कहते सुना जाता है कि उन्हें स्पेस चाहिए. यह शादी से पहले और शादी के बाद भी कहा जाता है कि रिश्ते में थोड़ा-बहुत स्पेस होना जरूरी है. ऐसे में महिलाओं को भी इस स्पेस की जरूरत होती है. हर समय बच्चों या पति के बारे में सोचने के बजाय महिलाओं को कभी-कभी अपने बारे में सोचने की भी जरूरत होती है. अपनी मनपसंद की किसी जगह पर अकेले घूमकर महिलाओं को यह स्पेस मिल सकता है. साथ ही, कुछ नया अनुभव करने को मिलता है सो अलग.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरीसोलो ट्रेवल करना मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. खासतौर से विवाहित और मां बन चुकीं महिलाओं के लिए यह जरूरी भी है. कई बार महिलाओं को सिर्फ खुद के साथ बैठकर बात करने की जरूरत होती है, खुद को समझने की जरूरत होती है और खुद को जानने की जरूरत होती है जोकि सोलो ट्रेवल के माध्यम से हो सकता है.
बढ़ता है आत्मविश्वासमहिलाएं अपना आत्मविश्वास (Self Confidence) बढ़ाने के लिए भी सोलो ट्रेवल कर सकती हैं. कई बार शादी के बाद ऐसा लगने लगता है कि पति पर निर्भरता बढ़ गई है. कहीं आना-जाना हो या कोई ट्रिप प्लान करनी हो, सबकुछ धीरे-धीरे पति के भरोसे होने लगता है. ऐसे में खुद पर निर्भरता बढ़ाने के लिए सोलो ट्रेवल किया जा सकता है. इससे अपना खोया हुआ सेल्फ कोंफिडेंस लौट आता है और जीवन के नए पहलुओं के बारे में समझदारी बढ़ती है सो अलग.
मिलता है खुद को जानने का मौकाअक्सर ही शादी के बाद और खासकर बच्चे हो जाने के बाद महिलाओं को लगने लगता है कि खुद को उन्होंने कहीं खो दिया है. ऐसे में खुद को फिर से पाने के लिए या अपने खोए हुए सेल्फ से फिर से रूबरू होने के लिए सोलो ट्रेवल किया जा सकता है. यह आपकी पर्सनल ग्रोथ के लिए भी अच्छा होता है.
अपनी शक्तियों का चलता है पताव्यक्ति जब अकेले होता है तो उसे समझ आता है कि ऐसे कितने ही काम हैं जिन्हें वह अकेला कर सकता है, आमतौर पर यह वही काम होते हैं जिनके लिए वह इससे पहले किसी और का सहारा लेता था. इसी तरह जब महिलाएं सोलो ट्रेवल पर निकलती हैं तो उन्हें अपने बारे में भी बहुत कुछ समझ आने लगता है. यह भी पता चलता है कि वे किन-किन कामों को करने में सक्षम हैं और उनमें कौन-कौनसे ऐसे गुण हैं जिनसे वे अबतक अंजान थीं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं