Elephant Parenting Style: बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट में पेरेटिंग (Parenting) का अहम रोल होता है. कई पेरेंट आज भी बच्चों की परवरिश में पुराने तौर तरीके आजमाते हैं जिससे फायदा कम और नुकसान ज्यादा होता है. बच्चों को डांटने फटकारने और उन पर बात बात पर गुस्सा दिखान से उनके ढीठ बनने का खतरा होता है. बच्चों की देखभाल (child care) में उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ एक हद तक उनकी आजादी का भी ख्याल रखा जाना जरूरी है. आजकल अलग अलग पेरेटिंग स्टाइल की चर्चा है, जिनमें एलिफेंट पेरेटिंग (Elephant Parenting) को बेहतरीन माना जाता है. आइए जानते हैं क्या है एलिफेंट पेरेटिंग और क्यों इसे माना जाता है खास….
क्या है एलिफेंट पेरेटिंग
आजकल पेरेंटिंग के अलग अलग स्टाइल की चर्चा काफी ज्यादा होती है. बच्चों की परवरिश के लिए "एलीफेंट पेरेंटिंग' शब्द सबसे पहले 2014 में चर्चा में आया जब प्रियंका शर्मा-सिंधर ने अपने एक लेख में इस शब्द का इस्तेमाल किया. उन्होंने बच्चों के पालन पोषण की नरम शैली के लिए इस शब्द का उपयोग किया. यह उस समय के प्रचलित पेरेटिंग स्टाइल "टाइगर मॉम' से एकदम अलग था. "एलीफेंट पेरेंटिंग' में बच्चे की खुशी और भावनात्मक सुरक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता देती है और बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए मजबूत, भरोसेमंद अभिभावक-बच्चे के संबंध को बढ़ावा देती है.
क्यों खास है एलिफेंट पेरेटिंग | Elephant parenting pros and cons
बच्चों की आजादी
एलीफैंट पेरेंट्स अपने बच्चों को कठोर रूल्स में नहीं रखते हैं. बच्चों को हर उस काम करने के लिए बढ़ावा देते हैं जिससे उन्हें खुशी मिलती हो या उनके विकास में मददगार हों. इस पेरेंटिंग स्टाइल में इमोशनल कनेक्शन पर ज्यादा जोर दिया जाता है और बच्चों को आगे बढ़कर नई-नई चीजें सीखने और ट्राई करने दिया जाता है.
इमोसंस की कद्र
एलीफेंट पेरेंट्स बच्चों के फैसले की कद्र करते हैं. वे बच्चों को मनपसंद ड्रेस को पहनने से लेकर अपनी पसंद का कोर्स या जॉब करने को लेकर दबाव नहीं बनाते हैं. बच्चे अपने लिए फैसले लेने में आजादी महसूस करते हैं. उनकी फीलिंग्स भी हर्ट नहीं होती हैं.
बच्चे की खुशी
एलीफेंट पेरेंट्स के लिए बच्चों की खुशी सबसे ऊपर होती है. वे अपने बच्चों को सोसाइटी के प्रेशर से फ्री रखते हैं. ऐसे में बच्चे की पर्सनालिटी बगैर किसी दबाव में फलती फूलती है.
कंफर्ट और सपोर्ट
एलीफैंट पेरेंट्स बच्चों की प्राइवेसी का ख्याल रखते हैं. बच्चों की उम्र के साथ साथ उन्हें आजादी और प्रायवेसी देती हैं जिससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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