Saas Bahu Relationship Tips: हमारे घरों में बहू सिर्फ परिवार का हिस्सा नहीं होती, बल्कि पूरे घर की रीढ़ होती है. जब नई बहू घर में कदम रखती है, तो उसके व्यवहार, बोलचाल और अपनापन पूरे परिवार के माहौल को बदल सकते हैं. लेकिन हर नई बहू के मन में एक ही सवाल होता है, 'एक अच्छी बहू के क्या लक्षण होते हैं और सास को खुश करने के लिए आखिर क्या करना चाहिए.' आइए जानते हैं रिलेशनशिप कोच से इसका जवाब, जो हर नई बहू के लिए काम का साबित हो सकता है..
एक अच्छी बहू में क्या गुण होने चाहिए | What qualities should a good daughter-in-law have
सम्मान देना ही सबसे बड़ी खूबी
ज्यादातर रिलेशनशिप कोच कहते हैं, एक अच्छी बहू की पहचान उसके व्यवहार और संस्कार से होती है. वह अपने सास-ससुर और घर के सभी बड़ों का सम्मान करती है, उनकी बात ध्यान से सुनती है और अपनी कोई भी राय बड़ी ही शालीनता से रखती है. सम्मान सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि अपने व्यवहार से झलकता है. जब बहू सास को मां की तरह मानती है, तो अपने आप रिश्ता मजबूत हो जाता है. सास को खुश करने का पहला कदम है, उन्हें यह एहसास दिलाना कि आप उन्हें परिवार की मुखिया मानती हैं.
मीठा बोलना और समझदारी से पेश आना
हर रिश्ते में कभी-कभी गलतफहमियां हो जाती हैं, लेकिन समझदार बहू वही होती है जो गुस्से में भी संयम रखती है, बहस से बचती है और मीठे शब्दों से माहौल को हल्का करती है. सास के साथ रिश्ते को संभालने के लिए बोलचाल की भाषा का बड़ा महत्व होता है. जब आप नरमी से बात करती हैं, तो आपकी सास न सिर्फ प्रभावित होती हैं, बल्कि धीरे-धीरे आपको अपनी बेटी जैसा मानने लगती हैं. याद रखिए प्यार भरे शब्द कई रिश्तों की उम्र बढ़ा देते हैं.
रीति-रिवाज और परंपराओं का सम्मान करें
हर परिवार की अपनी परंपराएं, रीति और रिवाज होते हैं. एक अच्छी बहू वही होती है, जो इन परंपराओं को अपनाती है और उन्हें निभाने की कोशिश करती है. चाहे वो पूजा का तरीका हो या किसी त्यौहार का आयोजन, सास को अच्छा लगता है, जब बहू उनकी परंपराओं को दिल से मानती है. अगर किसी रीति को लेकर कोई सवाल हो तो बहस के बजाय प्यार से पूछें, मांजी, ये ऐसे क्यों करते हैं.' यह एक सरल सवाल रिश्ते में गहराई ला सकता है.

पहनावे पर ध्यान दें
सास को खुश करने का एक और आसान तरीका है कि आप अपने पहनावे में सादगी और अवसर के अनुसार मर्यादा बनाए रखें. इसका मतलब यह नहीं कि आप अपनी स्टाइल खो दें, बल्कि घर के बड़ों के सामने ऐसा पहनावा चुनें, जो परंपरा और ट्रेंड दोनों का बैलेंस रखे. शालीन ड्रेसिंग से सास को यह भरोसा होता है कि बहू घर की संस्कृति को समझती है और सम्मान देती है.
घर को अपना घर समझना
जब बहू ससुराल को अपना घर मान लेती है, तो घर के हर कोने में अपनापन महसूस होने लगता है. घर के छोटे-बड़े कामों में मदद करना, त्योहारों में भाग लेना और जिम्मेदारी से काम करना, ये सब दिखाता है कि वह परिवार का हिस्सा है, मेहमान नहीं. ऐसी बहू को देखकर सास के दिल में प्यार पैदा होता है.
बातचीत से हर समस्या का हल
कई बार सास-बहू के बीच छोटी बातें बड़ा रूप ले लेती हैं, जबकि सॉल्यूशन बहुत आसान होता है, खुलकर बात करना. अगर किसी बात से मन खट्टा हो जाए, तो मन में रखने या किसी तीसरे से कहने के बजाय सास से सीधे और शालीनता से बात करें. 'मांजी, मुझे शायद गलतफहमी हो गई थी', इतना कहना ही रिश्ते को फिर से मीठा बना सकता है. बातचीत से रिश्ते मजबूत होते हैं और दूरी अपने आप मिट जाती है.

सास की पसंद-नापसंद का ध्यान रखना
छोटी-छोटी चीजें बहुत असर डालती हैं. सास को खुश करने के लिए यह जानना जरूरी है कि उन्हें क्या पसंद है, कौन-सा खाना, कौन-सा रंग या कौन-सी आदत. जब आप उनकी पसंद का खाना बनाती हैं या उनकी किसी आदत का सम्मान करती हैं, तो उन्हें एहसास होता है कि आप सच में उन्हें समझती हैं. यह अपनापन सास को बहू के और करीब ले आता है.
सास को अपनापन महसूस कराना
सास को खुश करने के लिए सिर्फ काम करना ही काफी नहीं, बल्कि उन्हें यह एहसास दिलाना भी जरूरी है कि वे आपके लिए मायने रखती हैं. कभी-कभी उनके साथ बैठकर बातें करें, उनके पुराने दिनों की यादें सुनें या साथ में कोई फिल्म देखें. छोटी-छोटी बातें बड़ा असर छोड़ती हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं