विज्ञापन
This Article is From Mar 17, 2018

जानें किस राज्य के लोग सोते हैं जल्दी, कहां के लोग सिर्फ अलार्म से ही हैं जागते

नींद के मामले में भी बेंगलुरू ने खुद को दिल्ली और मुंबई से बेहतर साबित किया है. इसके लिए बेंगलुरू में ध्वनि प्रदूषण का कम स्तर मुख्य रूप से जिम्मेदार है.

जानें किस राज्य के लोग सोते हैं जल्दी, कहां के लोग सिर्फ अलार्म से ही हैं जागते
वेतन वृद्धि और अनिद्रा में है नाता : शोध
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
वेतन वृद्धि और नींद के बीच बताया सीधा संबंध
50 फीसदी लोग अलार्म का उपयोग करते हैं
345 कामकाजी व्यक्तियों पर हुआ रिसर्च
नई दिल्ली: अगर आपको नींद से संबंधित कोई समस्या है तो इसके लिए आपका वेतन भी जिम्मेदार हो सकता है. शोध कंपनी संडे मेट्रेस द्वारा किए गए एक शोध को 'द इंडिया स्लीप एंड वैलनेस सर्वे' ने जारी कर बताया कि वेतन वृद्धि और निद्रा के बीच सीधा संबंध होता है.

दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में 25 वर्ष से ज्यादा आयु के 345 कामकाजी व्यक्तियों पर यह शोध हुआ. रिसर्च के अनुसार, निद्रा और कार्यस्थल पर उत्पादकता में सीधा संबंध है.

मम्मी के इस 1 नुस्खे ने बना दिए 'Bepannaah' की एक्ट्रेस के बालों को इतना खूबसूरत, बताया ग्लोइंग चेहरे का राज भी

शोध में यह बात सामने आई कि पूरी नींद लेने वाले दो-तिहाई लोग कार्यस्थल पर सौ फीसदी मेहनत करते हैं. जबकि पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले 50 फीसदी से ज्यादा लोग मात्र 75 प्रतिशत मेहनत करते हैं.

तीस साल से कम आयु के व्यक्ति को इससे ज्यादा आयु के व्यक्ति की तुलना में बेहतर नींद आती है. तीस वर्ष से ज्यादा आयु के वयस्कों में अनिद्रा की दोगुनी समस्या और 45 वर्ष से ज्यादा आयु वाले व्यक्तियों को अनिद्रा की तीन गुना समस्या होती है.

...तो इस वजह से ऑफिस से ज़्यादा छुट्टियां लेते हैं भारतीय

प्रतिदिन जागने के लिए लगभग 40 फीसदी लोग अलार्म का सहारा लेते हैं. मुंबई में सर्वाधिक 50 फीसदी लोग अलार्म का उपयोग करते हैं.

बेंगलुरू में लोग सबसे पहले (रात 10 से 11 बजे) सोने लगते हैं, वहीं मुंबई में मध्यरात्रि के बाद सोने वाले लोगों की संख्या सर्वाधिक है.

Stephen Hawking: डॉक्टरों ने दी थी 2 साल की डेडलाइन लेकिन जिए 50 साल, जानें क्या थी ये बीमारी 

नींद के मामले में भी बेंगलुरू ने खुद को दिल्ली और मुंबई से बेहतर साबित किया है. इसके लिए बेंगलुरू में ध्वनि प्रदूषण का कम स्तर मुख्य रूप से जिम्मेदार है.

शोधकर्ताओं ने बताया कि खाना खाने के बाद दो घंटों के अंदर सोने वाले लोगों में नींद संबंधी समस्याएं 50 फीसदी ज्यादा होती हैं. (इनपुट - आईएएनएस)

देखें वीडियो - जब रात को नींद न आए तो ये हैं उपाय

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: