
Earwax Removal Tips: कान का मैल देखकर ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि यह गंदगी है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. ईयरवैक्स यानी कान की मैल हमारे कानों की सुरक्षा के लिए एक नेचुरल डिफेंस सिस्टम है, जिसे मेडिकल टर्म में सेरुमेन कहा जाता है. हल्के पीले या भूरे रंग का यह मोम जैसा पदार्थ कान की छोटी ग्रंथियों से बनता है और यह न सिर्फ धूल-मिट्टी को रोकता (Ear Cleaning Methods) है, बल्कि कानों को इंफेक्शन (How to Safely Remove Earwax at Home) से भी बचाता है. आइए जानते हैं कान के मैल के फायदे, नुकसान और सफाई के आसान तरीके (Natural Ways to Clean Earwax without Damage).
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आयुर्वेदाचार्य कान का मैल निकालने का क्या देते हैं सुझाव
क्या आप भी कान साफ करने के लिए कॉटन ईयरबड का इस्तेमाल करते हैं? पर क्या आप जानते हैं कि यह तरीका आपके कानों को नुकसान पहुंचा सकता है? ईयरबड दरअसल मैल निकालने के लिए नहीं होता है, ब्लकि इससे कान को बाहर से साफ करने के लिए बनाया गया है. पर बहुत से लोग इसे कान के अंदर डालकर मैल निकालते हैं, जो कान को नुकसान पहुंचा सकता है. आयुर्वेद के निदेशक और वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर प्रताप चौहान कहते हैं कि कान का मैल कोई गंदगी नहीं है, बल्कि यह शरीर की एक प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली का हिस्सा है. यह मैल धूल, कीटाणु और कीड़े-मकोड़ों को कान में जाने से रोकता है. पर जब यह ज्यादा बढ़ जाता है या सूख जाता है, तो कान में दर्द होने लगता है, तो ऐसी स्थिति में इसे साफ करने के लिए आप एक नेचुरल तरीका भी आजमा सकते हैं.

यूं साफ करें कान का मैल
आयुर्वेदाचार्य प्रताप चौहान कहते हैं कि आयुर्वेद में कान की सफाई के लिए एक बेहद सरल, सुरक्षित और प्राकृतिक तरीका बताया गया है, जिसे 'कर्णपूरण' कहते हैं. इसके अंतर्गत कान के अंदर खास तरह काऔषधीय तेल 1-2 बूंदें डाला जाता है. यह तेल धीरे-धीरे जमे हुए मैल को ढीला कर देता है और फिर बाहर निकाल देता है.
कान का मैल क्यों जरूरी है (Earwax Benefits)
1. यह नेचुरल शील्ड की तरह काम करता है. कान में बैक्टीरिया, छोटे कीड़े या धूल घुसने से रोकता है.
2. मॉइस्चराइजिंग इफेक्ट कान को सूखने नहीं देता और अंदर नमी बनाए रखता है.
3. सेल्फ-क्लीनिंग सिस्टम की तरह काम करता है. धीरे-धीरे खुद ही कान से बाहर निकल जाता है और धूल भी साफ कर देता है.
ईयरवैक्स कब खतरनाक हो जाता है (Earwax Side Effects)
ENT एक्सपर्ट्स के अनुसार, कान का मैल भले ही जरूरी है, लेकिन जब यह ज्यादा मात्रा में जमा हो जाए या बहुत सख्त हो जाए, तो यह परेशानी खड़ी कर सकता है. इसकी वजह से कान बंद हो सकता है या सुनने में समस्या हो सकती है. कान में दबाव या दर्द महसूस हो सकता है, कान में भिनभिनाहट या घंटी बजने जैसी आवाज सुनाई पड़ सकती है, बैलेंस गड़बड़ हो सकता है और चक्कर आने, इंफेक्शन का भी खतरा रहता है.

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कान साफ करने के मेडिकल तरीके (Ears Cleaning Medical Methods)
1. एंडोस्कोपिक क्लीयरेंस टेक्निक
डॉ. मोहम्मद नसीरुद्दीन (वरिष्ठ ईएनटी और सिर एवं गर्दन सर्जन, अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल) (ref.)कहते हैं कि कान का मैल क्या है और इसे कैसे बाहर निकाला जाता है, यह हर किसी को मालूम होना चाहिए, ताकि आप जब खुद मैल निकालें तो आपको पता है कि डॉक्टर कितनी सावधानी के साथ इस सेंसिटिव हिस्से को साफ करते हैं. डॉक्टर कैमरे की मदद से कान के अंदर का क्लियर व्यू लेते हैं और छोटे उपकरण से मैल को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालते हैं. यह तरीका खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद हैं, जिनके कान में ज्यादा या गहरी मैल जमा हो गई हो.
2. वैक्स सॉफ्टनर ड्रॉप्स
कभी-कभी कान के अंदर का मैल बहुत सख्त और कठोर हो जाता है, जिसे सीधे निकालना मुश्किल होता है. ऐसे में डॉक्टर विशेष वैक्स सॉफ्टनर ड्रॉप्स लिखते हैं. ये ड्रॉप्स कान के अंदर जमे मैल को धीरे-धीरे मुलायम और ढीला बनाते हैं. ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने के बाद मैल आसानी से निकल आता है और यह कान को नुकसान पहुंचाए बिना आरामदायक तरीके से निकलता है.
3. ईयर वॉश या ईयर सिरींजिंग
यह सबसे सामान्य और पारंपरिक तरीका है. इसमें डॉक्टर कान में गुनगुना सलाइन वॉटर (नमक-पानी का हल्का घोल) धीरे-धीरे डालते हैं. पानी की हल्की धार और दबाव से कान के अंदर जमा मैल ढीला होकर बाहर निकल जाता है. यह तरीका सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि ईयरड्रम और कान की नाजुक झिल्ली को कोई नुकसान नहीं होता है.
कान साफ करते समय इन गलतियों से बचें (Ears Cleaning Mistakes)
- ईयरबड्स, क्यू-टिप्स या पिन जैसी चीजों का इस्तेमाल न करें.
- खुद से कान कुरेदने की कोशिश न करें.
- समस्या होने पर घरेलू नुस्खों के बजाय डॉक्टर से मिलें.
ENT डॉक्टर के पास कब जाएं (When to See an ENT Doctor)
- लगातार सुनने में दिक्कत
- कान में तेज दर्द या दबाव
- बार-बार चक्कर आना
- कान से बदबू या डिस्चार्ज होना
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