Relationship Tips: रिश्ते की शुरुआत भरोसे से होती है और वही भरोसा किसी भी शादी की नींव माना जाता है. लेकिन जब पति के व्यवहार में धीरे धीरे अजनबीपन आने लगे, तो सबसे पहले दिल ही खतरे की घंटी बजाता है. कई बार महिलाएं खुद से सवाल करती हैं कि ये बदलाव समय का असर है या किसी छुपे सच की परछाई. रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे बदलाव, अनकही बातें और बढ़ती चुप्पी रिश्ते को अंदर से खोखला कर सकती है. ऐसे में जरूरी है कि शक और सच्चाई के बीच फर्क समझा जाए. तो चलिए आपको बताते हैं वो संकेत जो रिश्तो में खतरे की घंटी का इशारा करते हैं.
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बिहेवियर में अचानक बदलाव (Sudden Change in Behavior)
अगर पति पहले जैसा खुला, सहज और बातूनी नहीं रहा और अचानक चुप रहने लगा है, तो ये बदलाव सामान्य नहीं माना जाता. छोटी छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन, बिना वजह गुस्सा और दूरी बनाना कई बार अंदर चल रहे तनाव या किसी छुपे सच की ओर इशारा करता है. ऐसा बदलाव लंबे समय तक बना रहे तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
मोबाइल और सोशल मीडिया को लेकर गोपनीयता (Phone And Social Media Secrecy)
आजकल फोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, लेकिन अगर पति फोन को हर समय लॉक रखे, मैसेज छुपाकर पढ़े या कॉल आने पर अलग कमरे में चला जाए, तो ये शक पैदा कर सकता है. सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा एक्टिव रहना और आपसे पासवर्ड छुपाना भी रिश्ते में दूरी का संकेत हो सकता है.
समय और बहानों की बढ़ती संख्या (Too Many Excuses And Busy Schedule)
अगर पति अचानक बहुत ज्यादा बिजी रहने लगा है, देर से घर आना आम हो गया है और हर सवाल का जवाब किसी न किसी बहाने से देता है, तो आपको सतर्क होना चाहिए. खासकर जब ये व्यस्तता पहले कभी नहीं थी और अब बिना वजह बढ़ गई है.
इमोशनल दूरी महसूस होना (Emotional Disconnect)
रिश्ते में बेवफाई सिर्फ शारीरिक नहीं होती, भावनात्मक दूरी भी उतनी ही गहरी चोट देती है. अगर पति आपकी बातों में दिलचस्पी नहीं दिखाता, आपकी भावनाओं को नजरअंदाज करता है और साथ समय बिताने से बचता है, तो ये एक बड़ा संकेत हो सकता है.

खुद पर अचानक ज्यादा ध्यान देना (Sudden Focus On Appearance)
अगर पति अचानक अपने लुक, कपड़ों और फिटनेस को लेकर जरूरत से ज्यादा सजग हो गया है, बिना किसी खास कारण के, तो ये भी शक पैदा कर सकता है. बदलाव अच्छा है, लेकिन जब ये अचानक और असामान्य हो, तो सवाल उठते हैं.
सच जानने से पहले क्या करें (What To Do Before Concluding)
किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले शांत रहना जरूरी है. सीधे आरोप लगाने की बजाय खुलकर बातचीत करें. कई बार गलतफहमी भी रिश्तों में बड़ी दरार बना देती है. अगर जरूरत लगे तो काउंसलिंग का सहारा लेना समझदारी भरा कदम हो सकता है.
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