विज्ञापन

चाहते हैं कि बच्चा माने हर बात तो बदल दीजिए पैरेंटिंग का गलत तरीका, ये आदतें बच्चे को बनाएंगी आज्ञाकारी 

माता-पिता यह तो चाहते हैं कि बच्चे उनकी हर बात मानें और पैरेंट्स इसके लिए परवरिश के अनेक तरीके भी अपनाते हैं, लेकिन कई बार यह तरीके अच्छे से ज्यादा बुरे होते साबित होते हैं जिनसे परहेज करना जरूरी होता है. 

चाहते हैं कि बच्चा माने हर बात तो बदल दीजिए पैरेंटिंग का गलत तरीका, ये आदतें बच्चे को बनाएंगी आज्ञाकारी 
अगर अच्छा पैरेंटिंग स्टाइल ना हो तो बच्चे पर नकारात्मक असर पड़ता है. 

Parenting Tips: बच्चों के वर्तमान ही नहीं बल्कि उनके भविष्य को शेप देने का काम भी परवरिश करती है. अगर बच्चे की परवरिश सही तरह से ना की जाए तो बच्चों की अपनी आदतें अच्छी होने के बजाय खराब हो सकती हैं. अक्सर ही बच्चे जो कुछ माता-पिता को करते देखते हैं और जो गुण-अवगुण उन्हें अपने पैरेंट्स में नजर आते हैं अपने अंदर ढालने लगते हैं. इसीलिए पैरेंट्स को पैरेंटिंग स्टाइल (Parenting Style) पर खासा ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर आपका पैरेंटिंग स्टाइल सही नहीं होगा तो इसका सीधा असर आपके बच्चे पर पड़ेगा. कई बार गलत पैरेंटिंग स्टाइल की वजह से ही बच्चे जिद्दी हो जाते हैं और पैरेंट्स की बात नहीं मानते. अगर आप भी चाहते हैं कि बच्चा आज्ञाकारी बने और आपकी बात सुने तो माता-पिता होने के नाते आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है. 

बरसात में चेहरे पर चिपचिपाहट नजर आती है तो घर पर बने ये 5 स्क्रब आएंगे काम, दूर होगी ऑयली स्किन की दिक्कत

पैरेंटिंग का गलत तरीका 

बच्चे पर ध्यान ना देने की आदत 

अगर आप बच्चे को निग्लेक्ट करने वाला पैरेंटिंग स्टाइल अपनाते हैं यानी कि बच्चे पर कुछ खासा ध्यान नहीं देते हैं तो इससे बच्चे के सेल्फ कोंफिडेंस पर असर पड़ता है. बच्चे के लिए अपने माता-पिता से अपनी भावनाएं साझा करना मुश्किल हो जाता है और वह जिद्दी या चिढ़चिढ़ा भी हो सकता है. 

जरूरत से ज्यादा सख्त होना 

कई बार बच्चे को अनुशासन सिखाने के चक्कर में पैरेंट्स (Parents) बच्चे के साथ जरूरत से ज्यादा सख्त हो जाते हैं. ऐसा करने पर बच्चे में डर पनपने लगता है. बच्चे को गलती करने खासा डर लगने लगता है क्योंकि उसे लगता है कि अगर उससे कोई भूल हुई तो उसे पैरेंट्स के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा. 

अपनी आकांक्षाएं बच्चे पर थोपना 

अगर बच्चे के ऊपर आकांक्षाओं का, हमेशा फर्स्ट आने या सबसे आगे निकलने का, बोझ होगा तो उसके लिए अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जीना मुश्किल हो जाएगा. बच्चा हर समय यही सोचता रह जाएगा कि कहीं माता-पिता को निराश ना कर दे या फिर उनके सामने असफलता का मुंह ना देखना पड़े. इससे बच्चा असहज और अंडरकोंफिडेंट हो जाता है और कई बार इन भावनाओं को छिपाने के लिए वह चिड़चिड़ा या बात ना मानने वाला रवैया अपना लेता है. 

हर समय चिल्लाना 

बच्चे की गलती हो या ना हो लेकिन उसपर हर समय चिल्लाते रहने पर बच्चे में चिड़चिड़ापन आने लगता है. माता-पिता का चीखना और चिल्लाना बच्चे के मन को आहत करता है. इससे बच्चे का आत्मविश्वास कम होता है, वह झेंपने लगता है और कई बार बच्चा पैरेंट्स की तरह ही चीखने और चिल्लाने वाला व्यवहार अपनाने लगता है.

Monsoon Diet: न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया मॉनसून में कैसा होना चाहिए खानपान | Monsoon

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
महंगा फर्नीचर खाने लगे हैं दीमक, तो यहां जानिए किस तरह इन Termites से मिलेगा छुटकारा
चाहते हैं कि बच्चा माने हर बात तो बदल दीजिए पैरेंटिंग का गलत तरीका, ये आदतें बच्चे को बनाएंगी आज्ञाकारी 
न्यू मॉम इन तरीकों को अपनाएंगी तो परवरिश हो जाएगी एकदम आसान, बच्चा बनेगा स्मार्ट और इटेलिजेंट
Next Article
न्यू मॉम इन तरीकों को अपनाएंगी तो परवरिश हो जाएगी एकदम आसान, बच्चा बनेगा स्मार्ट और इटेलिजेंट
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com