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जमीन पर सोने से कौन सी बीमारी ठीक होती है? जमीन पर सोने से क्या फायदा होता है, जान‍िए यहां पर

जमीन पर लेटने से क्या फायदा होता है? आज जब हर कोई पीठ दर्द, नींद की कमी और थकान से जूझ रहा है. तब वही पुरानी आदत दोबारा हेल्पफुल बन सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स भी कहते आए हैं कि फर्श पर सोना शरीर को नेचुरल सपोर्ट देता है.

जमीन पर सोने से कौन सी बीमारी ठीक होती है? जमीन पर सोने से क्या फायदा होता है, जान‍िए यहां पर
फर्श पर सोने से क्या होता है?

Jameen par sone se kya fayda hota hai : कभी वक्त था जब लोग बिना गद्दे या तकिए के फर्श पर ही चैन की नींद सोते थे. न लकड़ी के बेड, न महंगे मैट्रेस (Mattress Good For Back Pain ). फिर भी नींद गहरी और सुकून भरी होती थी. वैसे तो तब लोग चटाई पर ही सो जाते थे. लेकिन जरूरत पड़ने पर एक पतला सा गद्दा भी डाल लिया जाए तो कोई बुराई नहीं है. आज जब हर कोई पीठ दर्द, नींद की कमी और थकान से जूझ रहा है. तब वही पुरानी आदत (Zameen Par Sone Ke Fayde) दोबारा हेल्पफुल बन सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स भी कहते आए हैं कि फर्श पर सोना शरीर को नेचुरल सपोर्ट देता है. जिससे रीढ़ की हड्डी, ब्लड फ्लो और नींद की क्वालिटी पर पॉजिटिव असर पड़ता है. आइए जानें, इसके वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ क्या हैं.

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जमीन पर सोने से कौन सी बीमारी ठीक होती है  (Which disease is cured by sleeping on the ground)

रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेट रखने में फायदेमंद

फर्श पर सोना शरीर की स्पाइनल एलाइनमेंट यानी रीढ़ की हड्डी की स्थिति को बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है. मुलायम गद्दे पर शरीर का वजन असमान रूप डिवाइड होकर पड़ता है. जिससे पीठ और कमर दर्द की समस्या बढ़ जाती है. वहीं सख्त सतह पर सोने से शरीर सीधा रहता है और मसल्स पर बेवजह दबाव नहीं पड़ता. फर्श पर सोना पीठ दर्द कम करने और पोश्चर सुधारने में मददगार हो सकता है.

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रक्त संचार और नींद की गुणवत्ता में सुधार

फर्श की सख्त और ठंडी सरफेस शरीर के तापमान को बैलेंस रखती है. इससे नींद गहरी और बेहतर होती है. जब शरीर समान रूप से सतह से जुड़ा रहता है, तो ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है और मसल्स को आराम मिलता है. यही कारण है कि फर्श पर सोने वाले लोग अक्सर सुबह ज्यादा एनर्जी और रिलैक्स महसूस करते हैं.

शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी और जोड़ों के लिए फायदेमंद

फर्श पर सोने की आदत से शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी यानी लचीलापन बढ़ती है. इससे जोड़ों की जकड़न और अकड़न कम होती है. आयुर्वेद में भी कहा गया है कि सख्त सतह पर सोना शरीर के एनर्जी फ्लो को संतुलित करता है और थकान को भी कम करता है.

कब बचना चाहिए फर्श पर सोने से

हालांकि सभी के लिए ये आदत अच्छी नहीं कही जा सकती. आर्थराइटिस, ठंड लगने या पुराने जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को फर्श पर सोने से परहेज करना चाहिए. शुरुआत में पतली दरी या योगा मैट बिछाकर सोना बेहतर रहता है. चाहें तो एक पतला गद्दा बिछाकर उस पर भी सो सकते हैं.

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