Ayurvedic Remedies for high uric acid: जरूरत से ज्यादा प्रोटीन रिच फूड्स (Protein Rich Food) खाने से शरीर में प्रोटीन का सही से मेटाबोलिज्म (Metabolism) नहीं हो पाता है, जिससे प्रोटीन से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट प्यूरिन (Purine) की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और यूरिक एसिड का लेवल भी बढ़ जाता है. आगे यहीं प्यूरिन छोटी-छोटी पथरियां (Stones) बनकर आपकी हड्डियों में जमा होने लगती हैं. इससे बाद में जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है और किडनी (Kidney) में पथरी की शिकायत आती है. इसमें सबसे आसान उपचार गर्म पानी पीना माना जाता है. लेकिन अगर साथ में कुछ आयुर्वेदिक औषधियों (Ayurvedic Medicines) का सेवन किया जाए तो यूरिक एसिड (Uric Acid) तेजी से कम हो सकता है.
पतले बालों को मोटा बनाने में कमाल का असर दिखाते हैं ये 5 नैचुरल तेल, घने नजर आने लगते हैं बालयूरिक एसिड का रामबाण इलाज (try these 5 ayurvedic remedy in high Uric Acid)
1. त्रिफलाआयुर्वेद में त्रिदोषों के असंतुलन को संतुलित करने के लिए त्रिफला (Triphala) को बहुत असरदार माना जाता है. त्रिफला मुख्य रूप से विभीतकी, अमलाकी और हरितकी फलों से मिलकर बनी एक आयुर्वेदिक औषधि है. हाई यूरिक एसिड को कम करने में त्रिफला को रामबाण माना जाता है. इसमें मिलने वाले एंटी इन्फ्लेमेटरी (Anti Inflammatory) गुण की मदद से जोड़ों के दर्द और सूजन से आराम मिलता है.
2. नीमनीम (Neem) का पेड़ हमारे घर के आसपास होता है. यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जिसे अकसर लोग हल्के में लेते है. जब्कि इसके इस्तेमाल से गठिया के दर्द में आराम आता है. नीम के पत्तों को पीसकर जोड़ों पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है. इससे बढ़ा हुआ यूरिक एसिड भी कंट्रोल में आता है.
3. हल्दीहर एक भारतीय कीचन में इस्तेमाल होने वाला हल्दी (Termaric) भी बढ़े हुए यूरिक एसिड में रामबाण साबित हो सकता है. मसाले के रूप में उपयोग किया जाने वाला हल्दी जोड़ों के दर्द से राहत देता है. इसमें मिलने वाला करक्यूमिन (Curcumin) सभी प्रकार के वात रोगों से राहत पाने में असरदार साबित होता है. हल्दी के सेवन के लिए हल्दी का दूध सबसे असरदार विकल्प है.
4. करेलाशरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में करेले (Bitter Gourd) को काफी ज्यादा असरदार माना जाता है. अकसर डॉक्टर भी शूगर या यूरिक एसिड के मरीजों को इसके सेवन की सलाह देते हैं. आयुर्वेद में इसे वात रोगों में फायदेमंद माना जाता है. लेकिन आज तक इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
5. गिलोयआयुर्वेदिक औषधियों में से गिलोय (Giloy) को काफी महत्तव दिया जाता है. इसके रेगुलर सेवन से गठिया जैसी समस्याएं दूर होती हैं. इसके तने से निकलने वाला रस काफी असरदार होता है.
(प्रस्तुति - अंकित श्वेताभ)
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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