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वर्किंग पैरेंट्स बच्चों के साथ किस तरह सुधार सकते हैं रिश्ते, लाइफ कोच ने कहा बस इन बातों का रखना होगा ध्यान

Parenting Tips: कामकाजी पैरेंट्स अक्सर ही बच्चों के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं. इससे बच्चे खुद को अकेला महसूस करने लगते हैं और माता-पिता के साथ बच्चों की दूरियां भी गहराने लगती हैं. ऐसे में एक्सपर्ट के बताए टिप्स पैरेंट्स को एकबार जरूर सुन लेने चाहिए.

वर्किंग पैरेंट्स बच्चों के साथ किस तरह सुधार सकते हैं रिश्ते, लाइफ कोच ने कहा बस इन बातों का रखना होगा ध्यान
Parenting Tips For Working Parents: बच्चे के साथ इस तरह करें बोंडिंग.

Parenting: बच्चों को किसी चीज की जरूरत हो या ना हो लेकिन पैरेंट्स के प्यार और उनके समय की जरूरत होती ही है. कई बार वर्किंग पैरेंट्स (Working Parents) को लगता है कि वे बच्चों को उनके मनपसंद खिलौने लाकर दे रहे हैं या फिर उनकी फेवरेट डिशेज मंगवाकर खिला देते हैं उतना ही काफी होना चाहिए. लेकिन, ऐसा नहीं होता है. बच्चे के लिए पैरेंट्स से बढ़कर कुछ नहीं होता. चाहे बच्चे इन खिलौनों या चीजों से खुश हो भी जाएं लेकिन पैरेंट्स का समय अगर उन्हें नहीं मिलता है तो बच्चों की माता-पिता के साथ दूरियां गहरानी लगती हैं. इन दूरियों को आगे चलकर भरना मुश्किल होता है. ऐसे में अपने ही बच्चे से आप दूर ना होते चले जाएं इसके लिए लाइफ कोच डॉ. पंकज गुप्ता के बताए कुछ टिप्स आपके बेहद काम आएंगे. लाइफ कोच ने बताया कि बच्चे के साथ वर्किंग पैरेंट्स किस तरह बोंड कर सकते हैं.

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वर्किंग पैरेंट्स कैसे करें बच्चे के साथ रिश्ता बेहतर

बच्चों के साथ बोंड को बेहतर बनाने को लेकर लाइफ कोच ने कहा कि पैरेंट्स के पास बच्चों को देने के लिए समय कम होता है, लेकिन जितना भी टाइम है उतना टाइम ज्यादा से ज्यादा बच्चे के साथ बिताएं. एक्सपर्ट ने बताया कि बच्चों और पैरेंट्स को एकसाथ समय बिताने के लिए कहा भी जाता है तो पैरेंट्स बच्चे को बाहर घुमाने तो लेकर जाते हैं लेकिन आधे से ज्याद टाइम अपने फोन में लगे रहते हैं. इससे बच्चों को निराशा होती है. इसीलिए आप बच्चों के साथ जो भी समय (Time) बिता रहे हैं इस बात का ध्यान रखें कि इस समय में आप कोई और काम ना करें और अपनी पूरी अटेंशन अपने बच्चे को दें.

सुनें बच्चे की बात

बच्चे से सलाह लेना शुरू करें, बच्चे को इंपोर्टेंस दें और बच्चों को अपनी बातों में शामिल करें. एक्सपर्ट ने कहा कि पैरेंट्स को बच्चों की बातों को सुनना चाहिए. बच्चा अगर आपसे कोई बात शेयर कर रहा है तो उसे नजरअंदाज ना करें या कमतर ना महसूस करवाएं बल्कि उसकी बातों को सुनें और उसे समझने की कोशिश करें.

पूछें कैसा गया दिन

बच्चे से उसके दिन के बारे में पूछें. आज उसने स्कूल में क्या किया या दोस्तों के साथ क्या खेला, टीचर ने क्या सिखाया और किस क्लास में उसे सबसे ज्यादा मजा आया यह सब उससे पूछें. इसके साथ ही बच्चे को अपनी दिनचर्या
(Daily Routine) भी बताएं. इससे बच्चे को महसूस होगा कि वह भी आपकी लाइफ के बारे में सब जानता है. इससे सेंस ऑफ सिक्योरिटी भी आती है.

छोटी-छोटी खुशियां बांटना

बच्चे के साथ छोटी-छोटी खुशियों को सेलिब्रेट करें. आइस्क्रीम खाने जाना है या बच्चे की कोई मनपसंद डिश बनानी है, किसी तरह का बहाना ना ढूंढें बल्कि किसी छोटी सी बात को भी एक यादगार मूमेंट में बदल लें. साथ ही, आप बच्चे से जो कुछ वादा करते हैं उसे निभाएं. इससे बच्चे के साथ पैरेंट्स का बोंड बेहतर होता है.

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